वाराणसी
वाराणसी एयरपोर्ट भी देगा ‘फिट टू फ्लाई’ सर्टिफिकेट, विस्तारीकरण के बाद मिलेगी नई सुविधा
वाराणसी। बाबतपुर स्थित लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा दिसंबर 2026 से पूरी क्षमता के साथ संचालन के लिए तैयार हो जाएगा। विस्तारीकरण के बाद वाराणसी एयरपोर्ट देश के उन चुनिंदा हवाई अड्डों में शामिल हो जाएगा, जहां ‘फिट टू फ्लाई’ प्रमाणपत्र की सुविधा भी उपलब्ध होगी।
एयरपोर्ट अधिकारियों के मुताबिक, नए टर्मिनल भवन में डबल-इंसुलेटेड रूफिंग सिस्टम लगाया जाएगा। यह एक विशेष छत प्रणाली है, जिसमें दो धातु की चादरों के बीच इन्सुलेशन की परत होती है। इसके अलावा, एयरपोर्ट की बाउंड्रीवाल को चारों ओर से 30-30 मीटर चौड़ा किया जाएगा। विस्तारीकरण कार्यों में कुल 2870 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।

हैंगर का होगा निर्माण
एयरपोर्ट में हैंगर जैसी अत्याधुनिक सुविधा भी जोड़ी जाएगी। विमानन क्षेत्र में हैंगर का विशेष महत्व होता है। यह एक बड़ी छत वाली इमारत होती है, जहां विमानों की जांच, मरम्मत और रखरखाव किया जाता है। यदि विमान में कोई तकनीकी खराबी जैसे सेंसर फेल, फ्यूल लीक, ब्रेक या इंजन फॉल्ट पाया जाता है, तो उसे उड़ान से हटाकर हैंगर में लाया जाता है।
यहां टेक्नीशियन और इंजीनियर विशेष उपकरणों की मदद से खराब हिस्सों की जांच करते हैं। सेंसर और कंप्यूटर लॉग्स की जांच, इंजन, ब्रेक और हाइड्रॉलिक सिस्टम की टेस्टिंग की जाती है। आवश्यकतानुसार पार्ट्स बदले जाते हैं, फिर विमान की ग्राउंड टेस्टिंग और सिस्टम टेस्टिंग की जाती है। हर मरम्मत का रिकॉर्ड सुरक्षित रखा जाता है ताकि सुरक्षा मानकों का पूर्ण पालन हो सके।
पर्यावरण और सुरक्षा पर विशेष ध्यान
विस्तारीकरण के तहत सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए एयरपोर्ट की बाउंड्री के चारों ओर 30 फीट का विस्तार किया जा रहा है। साथ ही नए टर्मिनल भवन बनने के बाद सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट और वर्षा जल संचयन प्रणाली भी स्थापित की जाएगी। अधिकारियों का कहना है कि यात्रियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए यह सभी सुविधाएं शामिल की जा रही हैं, ताकि भविष्य में किसी प्रकार की समस्या न हो।

क्या है ‘फिट टू फ्लाई’ सर्टिफिकेट
‘फिट टू फ्लाई’ एक चिकित्सा प्रमाणपत्र है, जो यह सुनिश्चित करता है कि यात्री बिना किसी स्वास्थ्य जोखिम के हवाई यात्रा कर सकता है। यह विशेष रूप से उन यात्रियों के लिए आवश्यक होता है जो हाल ही में अस्पताल से डिस्चार्ज हुए हैं, सर्जरी से उबर रहे हैं या गर्भवती हैं। डॉक्टर जांच के बाद यह प्रमाणित करते हैं कि व्यक्ति की स्वास्थ्य स्थिति उड़ान के दौरान केबिन के दबाव या ऑक्सीजन स्तर में बदलाव से प्रभावित नहीं होगी।
एयरपोर्ट निदेशक पुनीत गुप्ता ने बताया, “एयरपोर्ट विस्तारीकरण के तहत यह सभी काम किए जाएंगे। इसके लिए पहले से ही मानचित्र में सभी विकास कार्यों को शामिल किया गया है। विस्तारीकरण के बाद वाराणसी एयरपोर्ट पर हैंगर की सुविधा भी उपलब्ध होगी।”
