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गोरखपुर

म्यूल खातों के जरिये करोड़ों की साइबर ठगी करने वाला गिरोह गिरफ्तार

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गोरखपुर। साइबर ठगी और डिजिटल वित्तीय अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए चलाए जा रहे विशेष अभियान के तहत साइबर क्राइम थाने की टीम ने संगठित साइबर फ्रॉड गैंग का भंडाफोड़ करते हुए 05 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपियों के कब्जे से 23,100 रुपये नगद और 06 मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं, जिनका उपयोग साइबर ठगी से जुड़ी वित्तीय गतिविधियों में किया जा रहा था। यह गिरोह म्यूल बैंक खातों और डिजिटल करेंसी USDT के माध्यम से बड़ी धनराशि की हेर-फेर कर रहा था।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राज करन नय्यर के निर्देशन तथा पुलिस अधीक्षक नगर व पुलिस अधीक्षक अपराध के मार्गदर्शन में प्रभारी निरीक्षक साइबर क्राइम थाना के नेतृत्व में बनी संयुक्त टीम (SOG/SWAT) ने बिस्मिल पार्क में मुखबिर की सूचना पर घेराबंदी कर आरोपियों को पकड़ा। मौके से बरामद मोबाइलों की इलेक्ट्रॉनिक जांच में विदेशी व्हाट्सएप नंबर, TRC-20 डिजिटल वॉलेट, UPI IDs और बैंक खातों के माध्यम से किए गए बड़े लेन-देन के साक्ष्य मिले। जांच में सामने आया कि इस गिरोह द्वारा अब तक लगभग तीन करोड़ दस लाख रुपये एवं तीन लाख USDT (क्रिप्टो करेंसी) का लेनदेन साइबर फ्रॉड के माध्यम से किया गया है।

विवेचना में यह भी स्पष्ट हुआ कि गिरोह का संचालन ‘कैश → क्रिप्टो → हवाला → विदेश’ मॉडल पर किया जाता था। मुख्य सरगना शैलेश चौधरी अपने साथियों के नाम पर म्यूल खाते खुलवाकर साइबर ठगी से प्राप्त धनराशि पहले बैंक खातों में लेता, फिर सहयोगियों के माध्यम से उसे नगद करवाकर डिजिटल करेंसी USDT में बदलवाता था। गिरफ्तार अभियुक्त आदिल शफीक और अनुज साहू ने क्रमशः NGO और व्यापारिक खातों का उपयोग करके ठगी की रकम को कैश आउट किया, जबकि शुभम राय एवं विशाल गुप्ता USDT में कन्वर्ज़न और हवाला चैनलिंग में जुटे थे।

पुलिस के अनुसार अब तक की जांच में 70.54 लाख की वित्तीय गतिविधियाँ ट्रेस की गई हैं, जिनमें से ₹9.60 लाख की राशि खातों में फ्रीज़ कराई जा चुकी है। मामले में साइबर थाना गोरखपुर में मु.अ.सं. 42/2025 धारा 3(5), 61, 111(1), 241, 317, 318(4) BNS तथा आईटी एक्ट 66C/66D के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।

साइबर सेल ने आम जनता से अपील करते हुए कहा है कि कोई भी OTP, PIN, पासवर्ड और QR कोड साझा न करें, संदिग्ध कॉल/लिंक पर क्लिक न करें तथा ठगी की स्थिति में तुरंत 1930 पर शिकायत करें। समय रहते सूचना देने पर रकम फ्रीज़ किए जाने की संभावना अधिक रहती है।

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