वाराणसी
बनारसी वस्त्र व्यापारियों को राहत, विवादों के निस्तारण सहित राशि की रिकवरी

वाराणसी। होटल सूर्या में रविवार की शाम बनारस वस्त्र उद्योग एसोसिएशन की साधारण सभा और व्यावसायिक संगोष्ठी आयोजित हुई। इस दौरान एसोसिएशन की ‘देसावर विवाद समिति’ की ऐतिहासिक उपलब्धि की घोषणा की गई। समिति ने वर्ष 2023 से 2025 के बीच 200 से अधिक विवादों का सफल निस्तारण कर व्यापारियों को लगभग 12 से 13 करोड़ रुपये की फंसी हुई राशि की रिकवरी कराई। यह उपलब्धि न केवल आर्थिक राहत है बल्कि बनारसी वस्त्र उद्योग की विश्वसनीयता और संगठन की सामूहिक शक्ति का प्रमाण भी है।
मुख्य अतिथि एवं एसोसिएशन के संरक्षक, पूर्व विधान परिषद सदस्य अशोक धवन ने इस पहल को पूरे देश के लिए रोल मॉडल बताया। उन्होंने कहा कि बनारसी वस्त्र उद्योग अब केवल कुटीर परंपरा तक सीमित नहीं रह सकता, इसे संगठित उद्योग के रूप में वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करना होगा।
एसोसिएशन के अध्यक्ष घनश्याम दास गुजराती ने कहा कि बनारसी वस्त्र उद्योग लगभग 7000 करोड़ रुपये के सालाना कारोबार के साथ पाँच लाख से अधिक परिवारों की आजीविका का आधार है। वाराणसी जनपद के जीएसटी राजस्व में 50 प्रतिशत योगदान इसी उद्योग से आता है। उन्होंने यह भी कहा कि यदि सरकार निर्यात प्रोत्साहन और नीतिगत सहयोग दे, तो यह उद्योग भारत की आर्थिक शक्ति का प्रमुख स्तंभ बन सकता है।
महामंत्री देवेंद्र मोहन पाठक ने बताया कि ‘देसावर विवाद समिति’ ने न केवल धन वापसी कराई बल्कि व्यापारियों का आत्मविश्वास और गरिमा भी लौटाई। इस पहल से विभिन्न शहरों से जुड़े 200 से अधिक विवादों का समाधान हुआ और करोड़ों रुपये की रिकवरी संभव हुई।
सभा में उद्योग विभाग और बैंकिंग सेक्टर के अधिकारियों ने भी व्यापारियों की समस्याओं को गंभीरता से सुना और जल्द समाधान का आश्वासन दिया। इसी अवसर पर एसोसिएशन की आधिकारिक वेबसाइट का शुभारंभ भी किया गया। यह वेबसाइट सदस्यों को योजनाओं और प्रमाणिक जानकारी उपलब्ध कराने के साथ-साथ आम जनता को असली और नकली बनारसी वस्त्र की पहचान में मदद करेगी।
कार्यक्रम का समापन धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। संचालन अतुल सेठ ने किया और संयोजन में शैलेन्द्र रस्तोगी, पवन कुमार मोदी, सचिन कुमार रतेरीया और नवनीत लाल टण्डन की विशेष भूमिका रही। इस अवसर पर कई वरिष्ठ संरक्षक और गणमान्य भी उपस्थित रहे।