गाजीपुर
प्रथम सांसद के सपनों को साकार करने में जुटे समाजसेवी डॉ. राजेश शर्मा

जमानियां (गाजीपुर)। जिले के प्रथम सांसद स्वर्गीय विश्वनाथ सिंह गहमरी के आदर्शों और सपनों को साकार करने की दिशा में लम्बे अरसे से समाज सेवा में सक्रिय हैं डॉ. राजेश शर्मा। जन समस्याओं के समाधान के प्रति उनकी सजगता और संवेदनशीलता उन्हें आम लोगों के बीच विशेष पहचान दिलाती है।
चाहे भदौरा, जमानिया या दिलदारनगर में ट्रेनों के ठहराव का मामला रहा हो, या उत्तर प्रदेश राज्य परिवहन निगम की बसों को जमानिया से गाज़ीपुर होते हुए वाराणसी व लखनऊ तक चलाने की मांग हर मुद्दे पर डॉ. शर्मा ने आवाज उठाई है।
सालों से बंद पड़े जमानिया डिपो को पुनः चालू कराने की मांग हो या सरकारी अस्पतालों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर दवाओं की उपलब्धता की निगरानी डॉ. शर्मा सदैव जनता की सेवा में तत्पर रहते हैं।
जन समस्याओं को सुनना और उनके निराकरण के लिए शासन-प्रशासन के समक्ष आवाज उठाना उनके दैनिक कार्यों का हिस्सा बन चुका है।
जमानिया विधानसभा क्षेत्र के लोग लगातार यह मांग कर रहे हैं कि डॉ. राजेश शर्मा को आगामी विधानसभा चुनाव में अपना जनप्रतिनिधि बनाया जाए। मनोविज्ञान के प्राध्यापक होने के साथ-साथ समाज के हर वर्ग के प्रति संवेदनशील डॉ. शर्मा का कहना है कि यदि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस उन्हें 2027 के विधानसभा चुनाव में जमानिया से उम्मीदवार बनाती है, तो वे निश्चित रूप से जनता के विश्वास पर खरा उतरेंगे।
जयदेश न्यूज से बातचीत में उन्होंने कहा, “ऋषि जमद्गनि की तपोस्थली और भगवान परशुराम जी की जन्मस्थली जमानिया विधानसभा क्षेत्र से यदि मुझे कांग्रेस उम्मीदवार बनने का अवसर मिला, तो मैं यह विश्वास दिलाता हूँ कि पुराने सभी मिथक तोड़कर उत्तर प्रदेश की सबसे बड़ी पंचायत में पहुँचूँगा। अपने पांच वर्षीय कार्यकाल में क्षेत्र के सर्वांगीण विकास के लिए ठोस पहल की जाएगी।”
उन्होंने आगे कहा कि क्षेत्र में उद्योग-कारखाने खोले जाएंगे, ताकि बेरोजगार युवाओं को रोजगार के लिए बाहर न जाना पड़े। शिक्षा, भाईचारा और शांति व्यवस्था को प्राथमिकता दी जाएगी।
डॉ. शर्मा ने बताया कि क्षेत्र की महान विभूतियों की स्मृति को जीवित रखने हेतु स्मृति द्वारों का निर्माण कराया जाएगा — जिनमें स्वर्गीय विश्वनाथ सिंह गहमरी स्मृति द्वार, स्व. ज्ञानी जेल सिंह स्मृति द्वार, मौलाना अबुल कलाम आज़ाद स्मृति द्वार, भारत रत्न स्व. राजीव गांधी स्मृति द्वार तथा अष्टशहीद स्मृति द्वार शामिल होंगे।
इन स्मृति द्वारों के माध्यम से युवाओं को अपने गौरवशाली अतीत से जोड़ने और राष्ट्र निर्माण की प्रेरणा देने का कार्य किया जाएगा।