पूर्वांचल
पुलिसकर्मियों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए होगा शोध
करंजाकला (जौनपुर)। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के व्यावहारिक मनोविज्ञान विभाग और उमानाथ सिंह स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय, जौनपुर की टीम वाराणसी जोन के पुलिसकर्मियों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण अध्ययन करेगी। यह परियोजना राज्य सरकार से मिले अनुदान के तहत संचालित की जाएगी।
इस अध्ययन में जौनपुर, चंदौली, गाजीपुर और वाराणसी के पुलिसकर्मियों को शामिल किया जाएगा। 26 सितंबर को जारी सूची के अनुसार, पूर्वांचल विश्वविद्यालय के सहायक प्रोफेसर डॉ. मनोज कुमार पांडेय को इस शोध के लिए अनुदान प्राप्त हुआ है। उनके साथ उमानाथ सिंह स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय के मनोचिकित्सा विभाग के प्रमुख डॉ. विनोद वर्मा सह-शोध निदेशक के रूप में कार्य करेंगे।
पुलिसकर्मियों के मानसिक स्वास्थ्य की चुनौती पुलिसकर्मियों का काम अत्यंत चुनौतीपूर्ण और तनावपूर्ण होता है। उनके कार्य में न केवल जोखिम और खतरे होते हैं, बल्कि नौकरशाही प्रक्रियाओं और सामाजिक दबावों से जुड़े तनाव भी होते हैं। हालांकि पुलिसकर्मियों को उनके नियमित कार्यों के लिए प्रशिक्षित किया जाता है, लेकिन मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य से संबंधित समस्याओं का सामना करने के लिए विशेष प्रशिक्षण नहीं दिया जाता। इसलिए पुलिसकर्मियों के मानसिक स्वास्थ्य की देखभाल करना न केवल सरकारी एजेंसियों, बल्कि उनके परिवारों और समाज के लिए भी अत्यंत आवश्यक है। यह शोध परियोजना इस दिशा में एक सकारात्मक कदम है।
शोध के प्रमुख उद्देश्य
1. स्वास्थ्य का मूल्यांकन : पुलिसकर्मियों के वर्तमान और पिछले मानसिक एवं शारीरिक स्वास्थ्य की स्थिति का आकलन किया जाएगा।
2. मनोवैज्ञानिक कारकों की पहचान : तनाव, कार्य जीवन संघर्ष, अवसाद और अन्य कारकों का अध्ययन, जो पुलिसकर्मियों के मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव डालते हैं। साथ ही उनकी अपनाई गई रणनीतियों का आकलन।
3. प्रशिक्षण कार्यक्रम : प्रत्येक सर्कल स्तर पर एक महीने का प्रशिक्षण सत्र आयोजित किया जाएगा, जिसमें मानसिक स्वास्थ्य देखभाल, तनाव प्रबंधन, और कार्य जीवन संतुलन जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
4. फॉलोअप और परामर्श : मनोवैज्ञानिक उपचार के दौरान उचित फॉलोअप और परामर्श प्रदान किया जाएगा।
5. परिणामों का आकलन : हस्तक्षेप के बाद पुलिसकर्मियों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य में आए सुधार का मूल्यांकन।
6. रिपोर्ट तैयार करना : शोध के प्रमुख निष्कर्षों को सरकारी एजेंसियों और प्रतिष्ठित जर्नल में प्रकाशित करने के लिए विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जाएगी।
वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के मनोविज्ञान संकाय के विभागाध्यक्ष डॉ. मनोज कुमार पांडेय ने बताया कि, यह शोध पुलिसकर्मियों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार के साथ-साथ उनके जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।