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वाराणसी

पीरियड्स में अधिक रक्तस्राव को नजरअंदाज करना पड़ सकता है भारी

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गर्भाशय में कैंसर, एनीमिया जैसी कई अन्य गंभीर बीमारियों  का हो सकता है खतरा

रिपोर्ट – प्रदीप कुमार

वाराणसी। पीरियड्स के दौरान अधिक रक्तस्राव व तेज दर्द को नजरअंदाज करना आपकी सेहत पर भारी पड़ सकता है। यह किसी गंभीर बीमारी का संकेत भी होता है। ऐसे में यदि पीरियड्स में अधिक रक्तस्राव हो रहा है तो फौरन चिकित्सक से सम्पर्क कर उसका उपचार करायें।
यह कहना है पं. दीन दयाल उपाध्याय चिकित्सालय में एमसीएचविंग की *स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डा. आरती दिव्या* का। वह कहती है कि महिलाओं हर महीने पीरियड्स के दिनों से गुजरना पड़ता है। यह पीरियड्स तीन से लेकर सात दिनों तक का होता हैं। अधिकांश महिलाओं को सामान्य रूप से माहवारी होती है। इस दौरान उन्हें 30 से 40 मिली लीटर रक्तस्राव होता है। ऐसी महिलाओं को बहुत दिक्कत नहीं होती। वहीं कुछ महिलाओं को अनियमित पीरियड्स अथवा पीरियड्स के दौरान पेट में दर्द के साथ ही रक्तस्राव बहुत ज्यादा होता है। कई बार तो दिक्कत इतनी बढ़ जाती है कि उन्हें हर घंटे पैड बदलने की जरूरत होती है। इस समस्या को मेनोरेजिया कहा जाता है। इसमें पीरियड्स के दौरान असामान्य रूप से ज्यादा रक्तस्राव होता है या फिर अधिक दिनों तक पीरियड्स जारी रहता हैं। वह बताती हैं कि एमसीएच विंग की ओपीडी हर रोज़ 80 से 100 के आस-पास होती है। इनमे आठ- दस महिलाओ को अनिमित पीरियड या पीरियड के दौरान अधिक रक्तस्राव की शिकायत होती है। इनमे अधिकांश दवाओ से ठीक हो जाती हैंजबकि कुछ को आपरेशन की भी जरुरत होती है ।
*अधिक रक्तस्राव गंभीर बीमारियों का संकेत-*
डॉ. आरती दिव्या बताती है कि किसी भी महिला को पीरियड्स के दौरान अधिक रक्तस्राव हो रहा है तो उसे सतर्क हो जाना चाहिए। शरीर में किसी न किसी गड़बड़ी के कारण ही अधिक रक्तस्राव होता है। उन्होंने बताया कि अधिक रक्तस्राव की कई वजह हो सकती हैं। कई बार हार्मोन असंतुलन की वजह से ऐसा होता है। दरअसल महिलाओं के यूट्रस में हर महीने एक परत बनती है। यह परत पीरियड्स के दौरान शरीर से ब्लीडिंग के जरिए बाहर आती है। जब शरीर में हार्मोन का असंतुलन होता है तो यह परत काफी मोटी हो जाती है। ऐसे में पीरियड्स के दौरान अधिक रक्तस्राव के रूप में यह बाहर आती है। कई बार ओवलूशन न हो पाने से भी हार्मोन का संतुलन बिगड़ जाता है और अधिक रक्तस्राव होता है। इसके अलावा गर्भाशय में फाइब्रॉएड्स होने से भी पीरियड्स के दौरान कई बार अधिक रक्तस्राव होने लगता है। यह रक्तस्राव लंबे समय तक भी हो सकता है। इतना ही नहीं गर्भाशय में कैंसर या फिर अंडाशय में कैंसर होने से भी रक्तस्राव अधिक हो सकता है।
*एनीमिया होने का भी रहता है खतरा-*
पीरियड्स के दौरान अधिक रक्तस्राव से महिला के शरीर में लगातार खून की कमी होती जाती है। इसकी वजह से उसे एनीमिया होने का भी खतरा हो जाता है। शरीर में रक्त की कमी कभी-कभी उसके लिए जानलेवा भी साबित हो जाती है। ऐसे में मेनोरेजिया के लक्षणों का एहसास होने पर महिला को तुरंत डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए।

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