वाराणसी
पीएम मोदी ने भूटान में काशी और बौद्ध परंपरा का किया उल्लेख
वाराणसी। प्रधानमंत्री और काशी के सांसद नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को भूटान की राजधानी थिम्फू में आयोजित एक कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस दौरान उनका पारंपरिक तरीके से स्वागत किया गया। जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने भारत और भूटान के बीच बौद्ध परंपरा एवं सांस्कृतिक विरासत से जुड़े ऐतिहासिक संबंधों पर प्रकाश डाला।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा,“बहुत से लोग यह नहीं जानते होंगे कि मेरा जन्मस्थान वडनगर बौद्ध परंपराओं से गहराई से जुड़ा हुआ है। मेरी कर्मभूमि वाराणसी भी बौद्ध भक्ति का एक प्रमुख केंद्र है। इसलिए इस आयोजन में शामिल होना मेरे लिए अत्यंत विशेष है। मेरी प्रार्थना है कि शांति का यह दीपक भूटान सहित पूरे विश्व के हर घर को आलोकित करे।”
गौरतलब है कि सारनाथ, जो वाराणसी का हिस्सा है, वही स्थान है जहाँ भगवान बुद्ध ने अपना प्रथम उपदेश दिया था। यह क्षेत्र आज भी वैश्विक स्तर पर बौद्ध धर्म का एक प्रमुख केंद्र माना जाता है। हाल ही में यूनेस्को की टीम ने भी सारनाथ क्षेत्र का भ्रमण कर इसे धरोहर स्थल के रूप में मूल्यांकन किया है।
भूटान से हर वर्ष बड़ी संख्या में श्रद्धालु और पर्यटक सारनाथ स्थित बौद्ध मंदिरों का दर्शन करने आते हैं, जिससे दोनों देशों के सांस्कृतिक और धार्मिक रिश्ते और प्रगाढ़ होते जा रहे हैं।
