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हेल्थ

नेत्रदान है चार धाम की यात्रा समान : प्रो. राजेन्द्र

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जानें नेत्रदान से जुड़े प्रमुख प्रश्न और उत्तर

वाराणसी। विश्व नेत्रदान दिवस के अवसर पर काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बी.एच.यू.) के क्षेत्रीय नेत्र संस्थान ने जनजागरूकता हेतु विशेष अभियान चलाया। संस्थान के विभागाध्यक्ष एवं बी.एच.यू. आई बैंक के चेयरमैन प्रो. राजेन्द्र प्रकाश मौर्य ने नेत्रदान को लेकर आमजन को कई महत्वपूर्ण जानकारियां दीं। उन्होंने बताया कि बी.एच.यू. नेत्र विभाग में नेत्र प्रत्यारोपण पूरी तरह से नि:शुल्क किया जाता है।

नेत्रदान से जुड़े प्रमुख प्रश्न और उत्तर:

1. कार्निया (स्वच्छ पटल) क्या है?
कार्निया आंखों के आगे की पारदर्शी मोटी झिल्ली होती है, जिससे होकर प्रकाश रेटिना तक पहुंचता है।

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2. यह कैसे क्षतिग्रस्त होता है?
संक्रमण, चोट, रासायनिक जलन, कुपोषण, जन्मजात दोष या ऑपरेशन की जटिलताओं से कार्निया क्षतिग्रस्त हो सकता है।

3. इलाज क्या है?
कार्नियल दृष्टिहीनता का एकमात्र समाधान कार्निया का प्रत्यारोपण है।

4. नेत्रदान क्यों जरूरी है?
भारत में 1.5 करोड़ दृष्टिहीनों में से 68 लाख कार्नियल दृष्टिहीनता से पीड़ित हैं। हर साल लगभग एक लाख नए मामले जुड़ते हैं, जबकि केवल 22,000 कार्निया उपलब्ध हो पाते हैं।

5. कृत्रिम कार्निया विकल्प है?
नहीं, कार्निया की तरह रक्त का भी कोई कृत्रिम विकल्प नहीं है।

6. कौन नेत्रदान कर सकता है?
कोई भी स्त्री-पुरुष, किसी भी उम्र का, भले ही चश्मा पहनते हों, ऑपरेशन करवा चुके हों, मधुमेह या रक्तचाप से पीड़ित हों नेत्रदान कर सकते हैं। केवल एचआईवी, हेपेटाइटिस बी/सी संक्रमित लोग नेत्रदान नहीं कर सकते।

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नेत्रदान के बारे में महत्वपूर्ण तथ्य:

नेत्रदान केवल मृत्यु उपरांत किया जा सकता है।


मृत्यु के 4–6 घंटे के भीतर नेत्रदान होना जरूरी है।


कहीं भी, जहां शव रखा हो, नेत्र संग्रह किया जा सकता है।


अंतिम संस्कार में कोई विलंब नहीं होता—नेत्र संग्रह मात्र 15-20 मिनट में पूरा हो जाता है।

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नेत्रदान से चेहरा विकृत नहीं होता।


यह विचार कि नेत्रदान करने वाला अगली ज़िंदगी में दृष्टिहीन होगा—एक अंधविश्वास है।


नेत्र प्रत्यारोपण पर कोई खर्च नहीं आता। यह पूरी तरह नि:शुल्क और कानूनी प्रक्रिया है।


नेत्र लेने वाले की पहचान गोपनीय रखी जाती है।

नेत्रदान की प्रक्रिया:

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बी.एच.यू. आई बैंक से सम्पर्क कर प्रतिज्ञा पंजीकरण कराएं:
9454497643, 9170202523, 9415353466

प्रतिज्ञा पत्र भरने पर एक डोनर कार्ड प्राप्त होता है।

मृत्यु के बाद परिजन भी नेत्रदान कर सकते हैं। यदि मृतक ने जीवन में विरोध न किया हो।

जनमानस को सुझाव:

1. नेत्रदान का संकल्प लें और फॉर्म भरकर पंजीकरण कराएं।

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2. डोनर कार्ड को संभाल कर रखें।

3. नेत्रदान की इच्छा अपने परिवार व डॉक्टर से साझा करें।

4. वसीयतनामे में नेत्रदान का उल्लेख करें।

मृत्यु के समय क्या करें:

  1. मृत्यु प्रमाण पत्र शीघ्र बनवाएं।


      2. पंखा बंद करें, ए.सी. चालू रखें।


      3. पलकों पर गीला कपड़ा रखें।

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      4. सिर को थोड़ा ऊंचा रखें।


      5. रक्त नमूना लेना न भूलें (एचआईवी, हेपेटाइटिस जांच हेतु)।

      नेत्रदान करें – किसी की दुनिया रोशन करें।
      बी.एच.यू. नेत्र विभाग आपका सहयोग सदैव नि:शुल्क और गोपनीय रखेगा।

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