वाराणसी
नगर निगम जोन पुनर्गठन पर सियासी घमासान, कांग्रेस बोली – “विरोध के बाद झुका प्रशासन”
वाराणसी। नगर निगम में जोनों के पुनर्गठन को लेकर जारी विवाद अब राजनीतिक रंग ले चुका है। प्रशासन ने नगर निगम को चार जोनों में बांटने की किसी भी योजना से इनकार किया है, वहीं कांग्रेस ने दावा किया है कि उसके विरोध और आंदोलन की चेतावनी के बाद ही निगम को अपना निर्णय वापस लेना पड़ा।
अपर नगर आयुक्त ने बताया कि शासन के निर्देश पर प्रदेश के सभी नगरीय निकायों का पुनर्गठन जनसंख्या के आधार पर किया जा रहा है। इसके अंतर्गत पांच लाख की जनसंख्या पर एक जोन का गठन प्रस्तावित है। 20 लाख से अधिक आबादी वाले नगर निगमों को प्रथम श्रेणी में रखा गया है, जिनमें जोनों की संख्या चार निर्धारित है।
हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया कि नगर निगम वाराणसी में इस समय आठ जोन — आदमपुर, रामनगर, दशाश्वमेध, कोतवाली, भेलूपुर, वरूणापार, सारनाथ और ऋषि मांडवी संचालित हो रहे हैं और चार जोन में बांटने की कोई कार्रवाई प्रचलन में नहीं है।
प्रशासन की सफाई के बाद कांग्रेस ने बयान जारी कर कहा कि निगम ने पहले जोनों की संख्या आठ से घटाकर चार करने का निर्णय लिया था, जिसका महानगर कांग्रेस कमेटी ने विरोध किया था। कांग्रेस महानगर अध्यक्ष राघवेंद्र चौबे ने कहा कि सफाई व्यवस्था चरमराई हुई है, नालियां जाम हैं, सड़कों पर कूड़े के ढेर लगे हैं और कई वार्डों में स्ट्रीट लाइटें खराब हैं। ऐसे में जोनों की संख्या घटाना जनहित के विपरीत है।
उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस के विरोध और आंदोलन की चेतावनी के बाद नगर निगम को अपना निर्णय वापस लेना पड़ा। अब वाराणसी में आठ जोन यथावत रहेंगे।
कांग्रेस नेताओं ने नगर निगम को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि शहर में सफाई व्यवस्था, सीवर की समस्या और खराब स्ट्रीट लाइटों को लेकर तत्काल कदम नहीं उठाए गए, तो कांग्रेस व्यापक आंदोलन के लिए बाध्य होगी।
