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वाराणसी

टीबी चैम्पियन ने क्षय रोग के प्रति दिहाड़ी मजदूरों को किया जागरूक

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• क्षय रोग के लक्षण, बचाव व उपचार की दी जानकारी

वाराणसी। देश को वर्ष 2025 तक क्षय रोग मुक्त बनाने के लिए हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं। इसके तहत स्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ टीबी ही चैम्पियन भी समुदाय में लोगों को जागरुक करने में जुटे हुए है। इस क्रम में शुक्रवार को लोहता लेबर मण्डी में काशी विद्यापीठ क्षेत्र के टीबी चैम्पियन धनंजय कुमार ने शिविर लगाकर मजदूरों को क्षय रोग के बारे में जागरूक किया । साथ ही क्षय रोग को लेकर मजदूरों की ओर से किये गये सवालों का जवाब देकर उनकी जिज्ञासाओं को भी शांत किया। उन्होंने क्षय रोग होने के कारण, लक्षण और उपचार की जानकारी देते हुए समझाया कि इस रोग के प्रति लापरवाही किस तरह से घातक हो सकती है। यह भी बताया कि क्षय रोगियों को पोषक आहार के लिए सरकार की ओर से हर माह पांच सौ रुपये उनके खाते में दिये जाते हैं।
लोहता लेबर मण्डी में हर रोज काफी संख्या में दिहाड़ी मजदूर आते हैं। इन मजदूरों को क्षय रोग के बारे में जानकारी देते हुए टीबी चैम्पियन धनंजय कुमार ने कहा कि टीबी एक संक्रामक बीमारी है। इसका संक्रमण हवा के माध्यम से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक फैलता है। संक्रमित व्यक्ति के खांसने, छींकने या बोलने पर टीबी के जीवाणु उसके सम्पर्क में रहने वाले व्यक्ति तक पहुंच जाते हैं इसलिएमास्कजरूर लगाए । उन्होंने बताया कि वैसे तो टीबी मुख्य रूप से फेफड़े, श्वसन तंत्र और पाचन तंत्र को प्रभावित करता है लेकिन कुछ मामलों में यह नाखून, बाल को छोड़कर शरीर के किसी भी अंग में हो सकता है। बताया कि दो सप्ताह या अधिक समय तक खांसी आना, खांसी के साथ बलगम आना, बलगम में कभी-कभी खून आना, सीने में दर्द होना, शाम को हल्का बुखार आना, वजन कम होना और भूख न लगना टीबी के सामान्य लक्षण हैं। लिहाजा ऐसे लक्षण दिखते ही व्यकित को सर्तक हो जाना चाहिए और अपनी जांच कराकर फौरन उपचार शुरू करा देना चाहिए। इस बात का भी ध्यान रखना है कि क्षय रोगी को दवा का सेवन नियमित रूप से करना है और साथ ही पोषक आहार भी लेना है।
टीबी चैम्पियन धनंजय ने कहा कि पोषक आहार के लिए सरकार की ओर से हर माह पांच सौ रुपये क्षय रोगी के खाते में दिये जाते है। इसके लिए क्षय रोगी का निक्षय पोर्टल पर पंजीकरण जरूरी है। उन्होंने बताया कि जिले के सभी सरकारी अस्पतालों में टीबी की जांच व उपचार की सुविधा उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि नियमित उपचार, पौष्टिक तत्वों से भरपूर संतुलित आहार लेने से क्षय रोग पूरी तरह टीक हो जाता है। उन्होंने कहा कि धूम्रपान करने वाले, तंबाकू का सेवन अथवामदिरापान करने वालों को यह रोग होने की अधिक संभावना होती है इसलिए ऐसी बुरी लत से सभी को बचना चाहिए।
सीएचओ का किया क्षमतावर्धन –
राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के तहत टीबी के सभी मरीजों (पल्मोनरी टीबी) के सम्पर्क में आने वाले परिजनों की जांच कराकर उन्हें टीबी प्रिवेंटिव थेरेपी देने व क्षय रोगियों के उपचार को बेहतर रूप से क्रियान्वयन के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बड़ागांव में सीएचआरआई जीत संस्था के सहयोग से सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) को प्रशिक्षण का कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें 22 सीएचओ शामिल रहे। इस दौरान टीबी चैम्पियन ज्योति ने अपने अनुभवों को साझा करते हुए बताया कि समाज में जागरुकता लाकर किस तरह से हम इस रोग पर अंकुश लगा सकते हैं। प्रशिक्षण कार्यक्रम में सीएचसी बड़गांव के एमओआईसी डॉ मनोज कुमार, सीएचआरआई के अश्विनी राय, ज्ञानेश, अतुल के अलावा बीपीएम, एसटीएस मौजूद थे।

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