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वाराणसी

चिकित्सकीय लापरवाही से सॉफ्टवेयर इंजीनियर की हुई असामयिक मौत

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डॉक्टरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर आवश्यक कानूनी कार्रवाई का न्यायालय का आदेश

वाराणसी। डॉक्टरों की लापरवाही के कारण एक महिला सॉफ्टवेयर इंजीनियर की हुई असामयिक मौत के मामले में वाराणसी के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अष्टम की अदालत ने भेलूपुर पुलिस को यह आदेश दिया है कि आवेदिका निशा रानी शर्मा पत्नी दीनानाथ शर्मा निवासिनी (भवन संख्या सी 33/58/डी /के/1 ) के बजरंग नगर कॉलोनी छित्तूपुर थाना सिगरा के प्रार्थना पत्र में लगाए गए आरोपों को देखते हुए वर्णित घटना के संबंध में समुचित धाराओं में प्राथमिकी दर्ज कर विवेचना करें।

निशा रानी शर्मा ने प्रकीर्ण आपराधिक वाद संख्या 4302/2024 के तहत मुख्य न्यायाधीश दंडाधिकारी (अष्टम वाराणसी) की अदालत में प्रार्थना पत्र दिया था । जिसमें महमूरगंज थाना भेलूपुर स्थित उपहार नर्सिंग होम प्राइवेट लिमिटेड की निदेशक डॉ. विभा मिश्रा, उनकी पुत्री इशिता अवस्थी तथा अज्ञात कंसलटेंट एनेस्थेटिक डॉ. निशांत मिश्रा को प्रतिवादी बनाते हुए यह आरोप लगाया था कि इन लोगों की लापरवाही से मेरी सॉफ्टवेयर इंजीनियर पुत्री वर्षा शर्मा की मौत हुई। इन लोगों ने वाराणसी के कई अस्पतालों में अनावश्यक रूप से मेरी पुत्री को रेफर करने के नाम पर घुमाया और स्थानीय अस्पतालों ने उसे लखनऊ के मेदांता और एसजीपीजीआई अस्पताल में रेफर किया लेकिन उसकी जान नहीं बची। इनकी लापरवाही के कारण मेरी पुत्री कोमा में चली गई और फिर कभी होश में नहीं आई और उसने दम तोड़ दिया।

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उनका यह भी आरोप है कि मैंने अपनी पुत्री को डॉ. विभा मिश्रा के उपहार नर्सिंग होम में मासिक रक्त स्राव के कारण मई 2023 को भर्ती कराया था । उस समय उसकी बड़ी बहन श्वेता शर्मा भी साथ में थी । चिकित्सकों ने जांच के नाम पर उसे गलत दवाएं और इंजेक्शन दिया जिसके कारण उसकी हालत बिगड़ती चली गई और एक समय ऐसा आया जब वह कोमा में चली गई। पत्रकार वार्ता के दौरान मृतका वर्षा शर्मा की मां  निशा रानी शर्मा, मामा राजेश त्रिवेदी और शैलेश त्रिवेदी के अलावा अधिवक्ता शशांक शेखर त्रिपाठी, शशिकांत द्विवेदी, दीपक वर्मा, सूर्यभान तिवारी इत्यादि शामिल रहे।

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