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वाराणसी

घर के नजदीक लोगों के लिए वरदान बनी ई-संजीवनी टेली मेडिसिन सेवा – सीएमओ

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रिपोर्ट – प्रदीप कुमार

ई-संजीवनी टेली मेडिसिन सेवा में वाराणसी प्रदेश में सर्वश्रेष्ठ स्थान पर

पिछले तीन सालों में डेढ़ लाख से अधिक लोगों को मिला स्वास्थ्य लाभ

जनपद के 220 आयुष्मान भारत – हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर उपलब्ध है सेवा

वाराणसी: दूर दराज के क्षेत्रों में स्थापित उपकेंद्र स्तरीय आयुष्मान भारत – हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर, समुदाय को चिकित्सीय व स्वास्थ्य सेवा का लाभ पहुंचाने में अहम भूमिका निभा रहे हैं। अप्रैल वर्ष 2020 से जनपद के हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर ई-संजीवनी टेली मेडिसिन की शुरुआत की गई जो घर के नजदीक लोगों के लिए वरदान साबित हो रही है। इसी का परिणाम है कि पिछले तीन सालों में वाराणसी के हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर डेढ़ लाख से अधिक लोगों को ई-संजीवनी टेलीमेडिसिन सेवा का लाभ दिया जा चुका है। इस उपलब्धि से वाराणसी ने प्रदेश में सर्वश्रेष्ठ स्थान प्राप्त किया है। यह कहना है मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ संदीप चौधरी का।
सीएमओ ने कहा कि उपकेंद्र (सबसेंटर) स्तरीय हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर सभी प्राथमिक स्वास्थ्य व जांच की सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं जिससे लोगों को घर के नजदीक ही चिकित्सा व स्वास्थ्य का लाभ मिल सके। ई-संजीवनी टेली मेडिसिन सेवा भी लोगों को खूब भा रही है, उन्हें घर के नजदीक ही बड़े-बड़े चिकित्सकों और विशेषज्ञों से बीमारी या अन्य स्वास्थ्य समस्या के तुरंत परामर्श मिल रहा है। वर्तमान में जनपद में उपकेंद्र स्तरीय 220 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर संचालित किए जा रहे हैं। सभी सेंटर पर एक-एक सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) तैनात है। यह सभी सेंटर जनपद के 100 से अधिक सरकारी चिकित्सा इकाइयों से जुड़े हुए हैं। इसमें सभी ब्लॉक स्तरीय पीएचसी, सीएचसी, जिला चिकित्सालय और बीएचयू भी शामिल हैं। हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर की ओपीडी में आने वाले मरीजों को आवश्यकतानुसार चिकित्सालयों के चिकित्सक व विशेषज्ञ उनकी सभी समस्याओं का समाधान बताते हैं। प्रदेश में सर्वश्रेष्ठ स्थान प्राप्त करने के लिए सीएमओ ने जनपद के सभी सीएचओ, चिकित्सकों को बधाई दी और आगे भी इसी तरह की सेवा प्रदान करने के लिए प्रेरित किया।
नोडल अधिकारी डॉ यतीश भुवन पाठक बताते हैं कि ई-संजीवनी टेली मेडिसिन वर्ष 2020 में शुरुआत हुई थी तो उस वर्ष सिर्फ 1007 मरीजों को लाभ मिला। वर्ष 2021 में 7177 मरीजों को लाभ मिला। जबकि 2022 में ग्राफ बढ़कर 33,565 और वर्ष 2023 में अब तक 1.15 लाख मरीजों को ई-संजीवनी टेली मेडिसिन के माध्यम से स्वास्थ्य लाभ प्रदान किया जा चुका है। अप्रैल 2020 से अब तक 1,57,548 लोगों को लाभ दिया जा चुका है। इसके लिए सभी सीएचओ का कार्य सराहनीय है। सहयोगी संस्था जपाईगो की ओर से तकनीकी सहयोग प्रदान किया जा रहा है। इसके अलावा जिस स्तर पर कोई भी कमी आ रही है तो उसकी नियमित समीक्षा और कार्यान्वयन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में ई-संजीवनी टेली मेडिसिन सेवा के जरिये फीवर, जोड़ों में दर्द, आँख में समस्या, गर्भवती रक्तश्राव के मरीजों को लाभ दिया जा रहा है। लेकिन हमारा पूरा ज़ोर है कि टीबी, फाइलेरिया, मलेरिया, डेंगू आदि के साथ गैर संचारी रोग जैसे मधुमेह, उच्च रक्तचाप, कैंसर, हृदय रोग आदि समस्याओं पर भी टेली मेडिसिन सेवा का लाभ समुदाय तक पहुंचा सके।
इनका है सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन – नोडल अधिकारी ने बताया कि सभी चिकित्सकों खासकर सीएचसी मिसिरपुर के चिकित्साधिकारी डॉ अभिषेक भारद्वाज का ई-संजीवनी टेली मेडिसिन सेवा में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। वह अबतक 16,079 लोगों को चिकित्सीय व स्वास्थ्य परामर्श दे चुके हैं। इसके साथ ही हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के सभी सीएचओ भी टेली मेडिसिन सेवा में अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं।
जिला सामुदायिक प्रक्रिया प्रबन्धक (डीसीपीएम) रमेश प्रसाद वर्मा ने बताया कि समुदाय स्तर पर सभी लोगों को चिकित्सा व स्वास्थ्य लाभ मिल सके, इसके लिए सरकार निरंतर प्रयास कर रही है। सभी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर को राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों के लिए सुदृढ़ किया जा रहा है। सेंटर पर शिशु एवं मातृ स्वास्थ्य, किशोर-किशोरी स्वास्थ्य, वृद्धजन स्वास्थ्य, संचारी व गैर संचारी रोगों का नियंत्रण व रोकथाम के साथ विभिन्न प्रकार की जांच व उपचार सेवाओं का लाभ दिया जा रहा है।

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