गाजीपुर
ग्राम प्रधान से जिला पंचायत तक का संग्राम, प्रशासन के लिए कड़ी परीक्षा

ग्राम प्रधान के चुनाव में कूदे सियासी दल
गाजीपुर। उत्तर प्रदेश में ग्राम प्रधान का चुनाव हमेशा से ही हिंसक घटनाओं और तगड़ी सियासी उठा-पटक के लिए जाना जाता है। शासन से आने वाला बेहिसाब पैसा ही इसकी सबसे बड़ी वजह मानी जाती है। चुनाव की घोषणा होते ही पुलिस प्रशासन के सामने हर गांव से चुनौतियां खड़ी होने लगती हैं। पुलिस अधिकारियों की गाड़ियां चौबीसों घंटे गांवों में गश्त करती रहती हैं। जिम्मेदार पुलिस अधिकारी असामाजिक तत्वों पर कड़ी नजर बनाए रखते हैं और इसकी हर सूचना जिले के कंट्रोल रूम तक पहुंचाई जाती है।
आगामी ग्राम सभा चुनाव उत्तर प्रदेश सरकार के लिए भी किसी चुनौती से कम नहीं है। इस चुनाव के साथ ही ब्लॉक प्रमुख, क्षेत्र पंचायत सदस्य, जिला पंचायत सदस्य और जिला पंचायत अध्यक्ष का भी निर्वाचन होना है। वर्तमान में अधिकतर जिलों में जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार काबिज हैं। वहीं, समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार भी कई जिलों में जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर कब्जा जमाए हुए हैं और सत्ता में अपनी भागीदारी निभा रहे हैं। यही समीकरण ब्लॉक प्रमुखों के चुनाव में भी देखने को मिल रहे हैं। ऐसे में ग्राम सभा चुनाव के साथ ही प्रदेश के राजनीतिक हालात और भी दिलचस्प हो जाएंगे।