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गोरखपुर

गोरखपुर ने जल संरक्षण में रचा इतिहास, राष्ट्रीय स्तर पर तीसरा स्थान, राष्ट्रपति करेंगी सम्मानित

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गोरखपुर। नगर निगम गोरखपुर ने जल संरक्षण के क्षेत्र में अभूतपूर्व सफलता हासिल करते हुए पूरे देश में अपनी एक अलग पहचान बनाई है। “जल संचय जन भागीदारी अभियान (JSJB 1.0)” के अंतर्गत उत्कृष्ट कार्यों के मूल्यांकन में गोरखपुर नगर निगम को देश के शीर्ष 21 नगर निकायों में स्थान मिला, वहीं शीर्ष 10 में तीसरा स्थान प्राप्त कर जिले और प्रदेश का मान बढ़ाया है। यह उपलब्धि गोरखपुर को जल प्रबंधन, संरक्षण और सामुदायिक भागीदारी के सफल मॉडल के रूप में पेश करती है।

इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए 18 नवंबर 2025 को सुबह 11:30 बजे नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में सम्मान समारोह आयोजित किया जाएगा, जिसमें देश की राष्ट्रपति द्वारा गोरखपुर नगर निगम को प्रशस्ति पत्र एवं 2 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी। कार्यक्रम में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सी.आर. पाटिल, राज्य मंत्री वी. सोमन्ना, जल संसाधन सचिव वी.एल. कंठा राव, पेयजल एवं स्वच्छता सचिव अशोक के.के. मीणा तथा अन्य वरिष्ठ केंद्रीय अधिकारी और जूरी सदस्य उपस्थित रहेंगे।

सफलता का आधार — नेतृत्व, योजना और भागीदारी

नगर निगम की इस सफलता के केंद्र में नगर आयुक्त गौरव सिंह सोगरवाल, महापौर डॉ. मंगलेश श्रीवास्तव, विभागीय अधिकारियों, कर्मचारियों एवं शहरवासियों की सामूहिक सहभागिता रही। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में गोरखपुर में जल संरक्षण को जनभागीदारी आधारित आंदोलन के रूप में विकसित किया गया।

“जल संचय जन भागीदारी अभियान” के माध्यम से शहर में योजनाबद्ध और वैज्ञानिक तरीके से कार्य किए गए, जिनमें मुख्यतः  वर्षा जल संचयन को बढ़ावा ,शहर के पुराने तालाब एवं कुओं की सफाई और पुनर्जीवन ,नदियों एवं नालों के प्राकृतिक प्रवाह को दुरुस्त करने की कार्रवाई, तकिया घाट पर प्राकृतिक जल शोधन तकनीक का क्रियान्वयन ,स्थानीय नागरिकों, संस्थानों और स्वयंसेवी संगठनों की सक्रिय भागीदारी, स्कूल-कॉलेजों में जागरूकता अभियान

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इन प्रयासों ने गोरखपुर को न सिर्फ एक मॉडल शहर के रूप में स्थापित किया बल्कि जल संरक्षण के क्षेत्र में स्थायी विकास की दिशा भी सुनिश्चित की।

गोरखपुर की यह उपलब्धि न सिर्फ शहरवासियों के लिए गर्व का विषय है बल्कि देशभर के नगर निकायों के लिए प्रेरणादायी उदाहरण भी है। अब फोकस इस उपलब्धि को स्थायी एवं और अधिक उन्नत स्वरूप देने पर है, ताकि भविष्य में गोरखपुर जल प्रबंधन के क्षेत्र में राष्ट्रीय ही नहीं, अंतरराष्ट्रीय मॉडल के रूप में उभर सके।

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