गाजीपुर
ऑपरेशन के दौरान विवाहिता की मौत, मुआवज़े की मांग पर अड़े परिजन; घंटों हंगामा
बिना मान्यता वाले अस्पताल में किया गया ऑपरेशन
गाजीपुर। जिले के दुल्लहपुर-जलालाबाद क्षेत्र में अवैध रूप से संचालित अस्पतालों की हकीकत एक बार फिर सामने आई है। जलालाबाद पेट्रोल पंप के सामने जय पोहारी बाबा हरदासपुर खुर्द में बिना बोर्ड, बिना रजिस्ट्रेशन और बिना किसी डिग्रीधारक डॉक्टर के चल रहे अस्पताल में 40 वर्षीय नीलम कुमारी, पत्नी संजय कुमार (निवासी – हरदासपुर खुर्द) की इलाज के दौरान मौत हो गई।

बिना मान्यता वाले अस्पताल में किया गया ऑपरेशन
मंगलवार को नीलम का बच्चेदानी का ऑपरेशन इसी अवैध अस्पताल में किया गया। अस्पताल कर्मचारियों ने परिवार को ऑपरेशन सफल होने की बात कहकर आश्वस्त किया। लेकिन बुधवार सुबह नीलम की अचानक हालत बिगड़ने लगी। अस्पताल में मौजूद सुनीता कुशवाहा ने परिजनों से कहा कि मरीज की हालत गंभीर है और उसे तुरंत दूसरी जगह ले जाएं।
परिजन नीलम को लेकर मऊ जा रहे थे, लेकिन रास्ते में ही उसकी मौत हो गई। परिवार का आरोप है कि नीलम की शारीरिक हरकत तो जलालाबाद स्थित अस्पताल में ही बंद हो गई थी, फिर भी अस्पताल ने उन्हें गुमराह किया।

परिजन का आरोप – बिना सहमति किया गया ऑपरेशन
परिवार का आरोप है कि डॉक्टर ने बिना मर्जी ऑपरेशन कर दिया, जबकि अस्पताल की संचालक सुनीता कुशवाहा का कहना है कि ऑपरेशन परिवार की सहमति से हुआ था।अस्पताल के पास न कोई रजिस्ट्रेशन है, न कोई MBBS/सर्जन डॉक्टर – यह स्वयं संचालिका ने माना।
अस्पताल के सामने हंगामा, मुआवज़े की मांग
मौत की खबर सुनते ही परिजन और ग्रामीण नीलम के शव को अस्पताल के सामने रखकर घंटों हंगामा करते रहे। सुबह 8 बजे से दोपहर 1 बजे तक माहौल तनावपूर्ण बना रहा। मृतका नीलम का मायका सीनगेरा ग्राम भठिया था। उसके एक लड़का शुभम और एक लड़की है।

दुल्लहपुर पुलिस मौके पर पहुंची और लगातार लोगों को समझाती रही। पुलिस मुकदमा लिखने के लिए तैयार थी, लेकिन परिवार हॉस्पिटल संचालक से पैसे के रूप में मुआवज़े की मांग पर अधिक जोर दे रहा था। समाचार लिखे जाने तक समझौते की बातचीत जारी थी।
स्वास्थ्य विभाग पर उठे सवाल
बिना रजिस्ट्रेशन के हॉस्पिटल का वर्षों से संचालन होना स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही को उजागर करता है। क्षेत्र में ऐसे कई अवैध हॉस्पिटल बेरोकटोक चल रहे हैं और कार्रवाई केवल तब होती है जब कोई बड़ी घटना सामने आती है। इस घटना ने एक बार फिर जिले में संचालित अवैध हॉस्पिटलों की सुरक्षा और नियमन पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है।
