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ई-गन्ना एप से करें मोबाइल नंबर अपडेट, वरना रुक जाएगी आपूर्ति प्रक्रिया
कुशीनगर। यदि किसी किसान ने गन्ना आपूर्ति के लिए पर्ची प्राप्त करने वाला मोबाइल नंबर बदल दिया है, तो उसे तुरंत अपडेट करा लेना आवश्यक है। अन्यथा, गन्ना पर्ची का एसएमएस किसान के मोबाइल पर नहीं पहुंच सकेगा। गन्ना विभाग ने इस संबंध में किसानों को सतर्क किया है।
गन्ना पेराई सत्र 2025-26 के लिए चीनी मिलों का संचालन नवंबर के आखिरी सप्ताह में शुरू कराने की तैयारियां जोरों पर हैं। इस बीच गन्ना विभाग ने किसानों से अपील की है कि वे अपना पंजीकृत मोबाइल नंबर ई-गन्ना एप या गन्ना पर्यवेक्षक के माध्यम से अपडेट करा लें, ताकि गन्ना पर्ची की जानकारी समय पर मिल सके।
चीनी मिलों द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों से गन्ना खरीदने के लिए क्रय केंद्र स्थापित किए जा चुके हैं। साथ ही समिति स्तर पर गन्ना सट्टा प्रदर्शन जैसे कार्य पूरे कर लिए गए हैं, ताकि पेराई सत्र में किसानों को किसी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े।
बीते पेराई सत्र से गन्ना विभाग ने गन्ना आपूर्ति के लिए पर्ची जारी करने की व्यवस्था अपने हाथों में ली थी। तब से किसानों को गन्ना आपूर्ति की पर्ची मोबाइल फोन पर एसएमएस के माध्यम से भेजी जा रही है। इस बार भी पर्ची किसानों के पंजीकृत मोबाइल नंबर पर संदेश के रूप में ही प्राप्त होगी।
किसानों को सलाह दी गई है कि वे अपने पंजीकृत मोबाइल नंबर की जांच कर लें। यदि नंबर गलत है या बदल गया है, तो उसे गन्ना समिति या ई-गन्ना एप के जरिए सही कर लें। ऐसा करने से पेराई सत्र के दौरान पर्ची न मिलने की परेशानी से बचा जा सकेगा।
हरिश्चंद्र चौधरी, सचिव, केन यूनियन सेवरही ने कहा, “यदि किसी किसान ने अपना पंजीकृत मोबाइल नंबर बदला है, तो वह अपना नंबर ई-गन्ना एप व गन्ना पर्यवेक्षक से अपडेट करा लें। साथ ही पंजीकृत मोबाइल का इनबॉक्स खाली रखें और मोबाइल चालू रखें, ताकि पर्ची से संबंधित संदेश समय पर प्राप्त हो सके।”
