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गोरखपुर

आयुष विश्वविद्यालय की फार्मेसी में पहुंची जीवनदायिनी दवाएं, मरीजों को मिलेगी बड़ी राहत

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गोरखपुर। महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय के औषधि भंडार में बहुप्रतीक्षित दवाओं का बड़ा स्टॉक पहुँच गया है। विश्वविद्यालय प्रशासन की इस पहल से अब ओपीडी (बाह्य रोगी विभाग) में इलाज कराने के लिए आने वाले हजारों मरीजों को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है। इन दवाओं की उपलब्धता से मरीजों को गुणवत्तापूर्ण और सस्ती आयुर्वेदिक, यूनानी और होम्योपैथी पद्धतियों की औषधियां परिसर में ही मिल सकेंगी।

दवाओं की उपलब्धता से लाभ:

मरीजों को इलाज के बाद दवाइयों के लिए बाहर के मेडिकल स्टोर पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा।

विश्वविद्यालय की फार्मेसी में बनी या यहाँ पहुँची दवाएं मानक और गुणवत्तापूर्ण होंगी, जिससे इलाज का असर बढ़ेगा।

सरकारी व्यवस्था के तहत ये दवाएं अक्सर निशुल्क या बहुत कम मूल्य पर उपलब्ध कराई जाती हैं, जिससे गरीब और जरूरतमंद मरीजों का खर्च कम होगा।

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विश्वविद्यालय के कुलपति/अधिकारियों ने बताया कि आयुष पद्धतियों को बढ़ावा देने के क्रम में यह कदम उठाया गया है, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग प्राचीन भारतीय चिकित्सा पद्धतियों का लाभ उठा सकें। ओपीडी में विशेषज्ञ चिकित्सक पहले से ही सेवाए दे रहे हैं, और अब दवाइयों की पर्याप्त आपूर्ति से स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में और सुधार आएगा

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