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वाराणसी

आपसी प्रेम, भाईचारा, सह अस्तित्व और सौहार्द्र की गौरवशाली परम्परा का देश है भारत : डा . मोहम्मद आरिफ

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दो दिवसीय कार्यकर्ता प्रशिक्षण शिविर प्रारंभ

जन अधिकारों के प्रति सचेत रह कर ही हम मजबूत राष्ट्र का निर्माण कर सकेंगे : वल्लभाचार्य पाण्डेय

वाराणसी| सामाजिक संस्था ‘आशा ट्रस्ट’ के तत्वावधान में भंदहा कला स्थित प्रशिक्षण केंद्र पर दो दिवसीय कार्यकर्ता प्रशिक्षण शिविर शनिवार को प्रारम्भ हुआ. शिविर में पूर्वांचल के 5 जिलों से लगभग 35 प्रतिभागी सम्मिलित हैं.

प्रशिक्षण शिविर के प्रथम सत्र को संबोधित करते हुए वरिष्ठ गांधीवादी विचारक एवं इतिहासकार डा. मोहम्मद आरिफ ने कहा कि भारत आपसी प्रेम, भाईचारा और सौहार्द्र की गौरवशाली परम्परा का देश है, हमे अपनी संस्कृति और परम्पराओं पर गर्व करते हुए उन्हें संजोये रखने की जरूरत है, इस पवित्र विरासत को बचाए रखना हमारे अस्तित्व का प्रश्न है. सह अस्तित्व की यह भावना जो हमारी राष्ट्रीय धरोहर है, को बनाये रखना है तो हमे ऐसी ताकतों से भी होशियार रहना होगा जो अपने निहित स्वार्थ में समाज को जाति, धर्म, भाषा और लिंग के आधार पर विभाजित करना चाहती हैं.

आशा ट्रस्ट के समन्वयक बल्लभाचार्य पाण्डेय ने कहा विभिन्न जन अधिकारों के प्रति आम जनता को सचेत रह करके ही हम मजबूत और जागरूक देश का निर्माण कर सकेंगे, हमे इन अधिकारों का व्यापक जन हित में प्रचार प्रसार करना चाहिये.

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द्वितीय सत्र में जन आंदोलनों के राष्ट्रीय समन्वयक सदस्य अरविन्द मूर्ति ने कहा कि असंगठित खेत्र अथवा भवन निर्माण में लगे मजदूरो, खेती किसानी के कार्य में लगे भूमिहीन किसान व खेतिहर मजदूरों के लिए सार्वजनिक वितरण प्रणाली अति आवश्यक है वर्तमान दौर में कार्पोरेट घरानों के दबाव में इस व्यवस्था पर अस्तित्व का संकट आसन्न है, हमे इसे मजबूत करने के लिए तत्पर होना इसके लिए खाद्य सुरक्षा कानून के दायरे में को संशोधित करने की भी आवश्यकता होगी.

शिविर के आयोजन में प्रदीप सिंह, महेद्र राठोर, सूरज पाण्डेय, सतीश चौहान, हौशिला यादव आदि की प्रमुख भूमिका रही.

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