वाराणसी
आजादी का अमृत महोत्सव: समकालीन भारतीय साहित्य पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन
रिपोर्ट – प्रदीप कुमार
वाराणसी: महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के अंग्रेजी एवम् अन्य विदेशी भाषा विभाग द्वारा काशी में आजादी का अमृत महोत्सव: समकालीन भारतीय साहित्य पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया । कार्यक्रम की अध्यक्षता काशी विद्यापीठ के कुलपति प्रोफेसर आनंद कुमार त्यागी ने की। उद्घाटन सत्र में
अध्यक्षीय उद्बोधन देते हुए कुलपति ने कहा कि विश्व में जितनी भी क्रांतियां हुई है , उनमें साहित्य लेखन की मुख्य भूमिका रही है तथा साहित्य हमारे चरित्र निर्माण में अहम भूमिका अदा करती है।
मुख्य अतिथि के रूप में बनारस के मेयर अशोक तिवारी ने काशी की महत्वता को बताते हुए हमें अपनी मातृभाषा और संस्कृत को साहित्य में महत्वपूर्ण स्थान देना चाहिए । कार्यक्रम के विशिष्ठ अतिथि पी के सिंह ने सम्राट कमाल पाशा का उदाहरण देते हुए बताया कि जैसे तुर्की में सम्राट कमाल पाशा तुर्की भाषा का प्रयोग करते थे वैसे ही हमें अपनी मातृभाषा को महत्वपूर्ण स्थान देना चाहिए तथा प्रो विकाश शर्मा ने कहा कि साहित्य केवल कला के लिए नहीं बल्कि जीवन के लिए होना चाहिए। एवं अन्य गणमान्य अतिथियों जैसे प्रोफेसर अल्का सिंह,प्रोफेसर अनीता सिंह,प्रोफेसर मीनू कश्यप । इस अवसर पर प्रोफेसर विकास शर्मा द्वारा लिखी पुस्तक सिक्स इंडियन पोएट्स का विमोचन हुआ, इस अवसर सेमिनार के सौवेंनियर का भी विमोचन हुआ l कार्यक्रम का स्वागत अभिवादन विभागाध्यक्ष डॉक्टर निशा सिंह के द्वारा किया गया और धन्यवाद ज्ञापन डॉक्टर नवरत्न सिंह ने किया। कार्यक्रम के अगले कड़ी में कंकोर्स प्रथम जिसमे देशभर से विभिन्न वक्त्ता जैसे डॉ दुर्गेश त्रिपाठी, प्रो सोमपाल सिंह, प्रो समीर शर्मा तथा कंकोर्श द्वितीय में डॉ मृत्युंजय राव परमार, डॉक्टर सुप्रिया सिंह, डॉक्टर दीपक कश्यप तथा आदि ने हिंदी एवम् अंग्रेजी समकालीन साहित्य के महत्व पर अपने अपने विचार प्रस्तुत किए। विश्वविद्यालय की कुलसचिव डॉ सुनीता पांडे एवं वित्त अधिकारी संतोष कुमार शर्मा भी उपस्थित रहे। सेमिनार में काशी विद्यापीठ के अंग्रेजी एवं अन्य विदेशी भाषा विभाग के शोध छात्रों का विशेष योगदान रहा।इसके अगले क्रम में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमे गायन ,नृत्य एवम् गजल तथा अन्य कार्यक्रम की प्रस्तुति की गई।
