वाराणसी
व्यापार में साझेदारी कर 45 लाख की धोखाधड़ी, पुलिस ने दर्ज किया केस

मठाधीश बनने के लिए पार्टनर के पैसे का दुरुपयोग
वाराणसी। गिट्टी-बालू के व्यापार में साझेदारी कर साथी को 45 लाख रुपये का चूना लगाने का मामला सामने आया है। रामनगर पुलिस ने इस मामले में एक मठ के मठाधीश के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है। आरोप है कि आरोपी ने पार्टनरशिप में मिला पैसा निकालकर अपने गांव में मंदिर और मठ बनवाया और खुद को मठाधीश घोषित कर लिया।
पीड़ित ने दर्ज कराई शिकायत
रामपुर, कटेसर के रहने वाले विजय भूषण ने रामनगर थाने में तहरीर देकर बताया कि उनकी मुलाकात 2022 में भगवानपुर के अजय जायसवाल से हुई थी। अजय ने उन्हें बताया कि गिट्टी-बालू के व्यापार में अच्छा मुनाफा है। इसके बाद दोनों ने मिलकर फर्म बनाई और बिजनेस शुरू किया।
व्यापार के दौरान विजय भूषण ने अजय को करीब 45 लाख रुपये दिए। लेकिन जब उन्होंने मुनाफे में अपना हिस्सा मांगा, तो अजय ने मोबाइल बंद कर लिया। छानबीन के दौरान पता चला कि अजय ने उनके पैसे से मकान और मठ बनवाया है। शिकायतकर्ता का कहना है कि अजय ने अपने गांव में एक मठ बनवाकर खुद को मठाधीश घोषित कर लिया है।
रामनगर थानाध्यक्ष राजू सिंह ने बताया कि विजय भूषण की शिकायत पर अजय जायसवाल के खिलाफ धोखाधड़ी और अन्य धाराओं में केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। पुलिस दोनों के बीच हुए लेनदेन के दस्तावेजों की भी जांच कर रही है।