वाराणसी
वाराणसी : करोड़ों खर्च के बाद भी नहीं सुधर रही है अस्पताल की व्यवस्था
कई सालों से जमे कर्मचारी कर रहे हैं काली कमाई
केंद्र सरकार से लेकर राज्य सरकार द्वारा करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद भी जिला अस्पताल की हालत में सुधार नहीं हो रहा है। कार्यप्रणाली को सकारात्मक करने के लिए जिला अस्पताल में सीएमओ तक बदले लेकिन उसके बाद भी व्यवस्था में सुधार नहीं हुआ।अस्पताल में भर्ती मरीजों को शुद्ध पानी के नाम पर बाजार के बोतल बंद पानी का ही सहारा लेना पड़ रहा है।
वहीं बेड की हालत भी बेहद खराब है। फटेहाल बेड पर ही मरीजों को दर्द झेलना पड़ रहा। कहीं किसी बेड का पहिया टूटा पड़ा तो कही मुर्चे से सड़ा बेड है। यही नहीं गर्मी से बेहाल मरीजों व परिजनों को गर्मी का दंश झेलना पड़ रहा है।अस्पताल में बड़े-बड़े कूलर लगे हैं लेकिन उसमें पानी नहीं है। पानी डालने के लिए भी मरीज के परिजनों को आगे आना होता है। कूलर भी खस्ताहाल स्थिति में है। कहीं तार टूटा हुआ है तो कहीं कूलर पुराना होने के बाद भी जैसे-तैसे चलाया जा रहा है।
पूरे अस्पताल परिसर में गंदगी की भरमार है, कूड़ेदान का अभाव है। अस्पताल का स्टाफ इतना कामचोर है कि, मरीजों को खुद ही चादर तक अपने हाथों से रोज बदलना पड़ता है । मरीजों की अस्पताल में शिकायत पर या तो मरीज की छुट्टी तय है या फिर मरीज के इलाज में लापरवाही जिससे मरीज को दूसरे अस्पताल में रेफर कर छुटकारा किया जा रहा है। अस्पताल में उच्च अधिकारियों से मरीज के परिजन द्वारा पूछने पर आखिर ऐसा क्यों हो रहा तो कर्मचारी व अधिकारियों द्वारा बताया जा रहा है कि अस्पताल में नाम मात्र कर्मचारी ही बचे हैं। उनसे किस-किस तरह के काम लिया जा रहा आपको कैसे बताऊं।
मतलब एकदम साफ नजर आ रहा प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र में जिला अस्पताल शिवप्रसाद गुप्त अस्पताल जो दुर्व्यवस्थाओं का शिकार है। जल्द ही ऐसे अधिकारी व कर्मचारीयों के चलते मरीजों की हालत कम हो सकती है और यहां आराम फरमा रहे हैं कर्मचारीयों की बल्ले बल्ले दिख रही है।
यही नहीं इस जिला अस्पताल में कई ऐसे कर्मचारी हैं जो सालों से तैनात हो हैं और जमकर लूट-खसोट कर रहे हैं। कर्मचारियों की मिली भगत कर खूब पैसा भी डॉक्टर से मिलकर कमा रहे हैं। शहर के बीचों-बीच बसे जिला मंडली चिकित्सालय में इन कर्मचारियों की धर पकड़ को वह लापरवाही के लिए जगह-जगह ना तो कैमरेे लगे हैं ना उनकी कमियों को पकड़ा जा सकता है। बल्कि इनके कमरे में अच्छे-अच्छे एसी और कूलर तक लगा हुआ है। जहां यह एक साथ बैठकर उठाकर लगाकर मौज करते हैं।
कर्मचारियों की अगर यहां जांच कर ली जाए तो कई ऐसे फर्जी कर्मचारी भी पाये जा सकते हैं जो डॉक्टरों द्वारा रखे गए हैं ना की सरकार द्वारा किए गए भर्ती पर । यहां कई सीएमएस बदले पर यहां विगत कई वर्षों से तैनात निर्भय नारायण सिंह को सरकार द्वारा कई जिलों में ट्रांसफर के बाद भी यह महोदय यहां पर बर्फ की तरह जम पड़े हैं।
माना जाता है इनका सरकार में भी अच्छी पकड़ बनी है जिसके चलते अन्य जिलों में तैनाती के बावजूद भी यहां पर टिके हैं कुछ कर्मचारियों को मिला-जुला कर रखे है। दबी जुबान से यहां तक कहना है कि सरकार में मोटी रकम जो इनके द्वारा पहुंचा दिया जाता लंबे अरसो से तैनात यह कर्मचारी अपने साथ-साथ सभी कर्मचारियों को भी मिला-जुला कर खुश रखने की कोशिश करता है ।
रिपोर्ट – मुन्नालाल साहनी