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वाराणसी

रामनगर गुरुद्वारा में फूलों से सजी साहिब की पालकी, शबद कीर्तन से गूंजा परिसर

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रामनगर (वाराणसी)। सिख पंथ के दसवें गुरु, साहेब-ए-कमाल श्री गुरु गोबिंद सिंह महाराज जी का 358वां प्रकाश पर्व मंगलवार को रामनगर के गुरुद्वारा में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी रामनगर द्वारा पूरे परिसर को फूलों से भव्य तरीके से सजाया गया।

फूलों से सजी पालकी में मत्था टेकने उमड़ी संगत
गुरुद्वारा परिसर में आकर्षक सजावट के बीच फूलों से सजी पालकी में गुरु ग्रंथ साहिब की शोभायात्रा निकाली गई। बड़ी संख्या में संगत ने पालकी के सामने मत्था टेककर आशीर्वाद लिया। श्रद्धालु जो बोले सो निहाल, सत श्री अकाल के जयकारे लगाते हुए पूरे परिसर को भक्तिमय बना रहे थे।

शबद कीर्तन से संगत हुई निहाल
प्रकाशोत्सव के मुख्य कार्यक्रम की शुरुआत सुबह 10 बजे हुई। हिमाचल प्रदेश से आए कमल दीप सिंह चंबा वाले रागी जत्था ने अपने शबद कीर्तन से संगत को भावविभोर कर दिया। पूरे दिन गुरुद्वारा परिसर में भक्ति का माहौल बना रहा।

अखंड पाठ की समाप्ति और लंगर का आयोजन
इस प्रकाश पर्व से पहले 12 जनवरी से शुरू हुए अखंड पाठ का समापन मंगलवार को अपराह्न 3 बजे हुआ। इसके बाद गुरुद्वारा में अरदास की गई और प्रसाद का वितरण हुआ। संगत के लिए अट्टू लंगर का आयोजन किया गया, जिसमें नगर के गणमान्य लोगों सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए।

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गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने दी बधाई
गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष सरदार दलबीर सिंह के अस्वस्थ होने के कारण उपाध्यक्ष सरदार मंजीत सिंह, महामंत्री जशबीर सिंह बीरू, और पूर्व प्रबंधक सरदार रविंद्र सिंह लड्डू ने संगत को प्रकाश पर्व की बधाई दी।

कार्यक्रम में सरदार अमोलक सिंह, सरदार जसविंदर सिंह ग्रंथी, सरदार सतपाल सिंह, सरदार रविंद्र सिंह (बाबे), सरदार हिप्पी सिंह, अभिनव विचार मंच के अध्यक्ष अमूल्य सिन्हा, कांग्रेस के पूर्व नगर अध्यक्ष नूरुल शेख, सपा व्यापार प्रकोष्ठ के प्रदेश सचिव सुजीत गुप्ता, और अन्य गणमान्य लोग शामिल हुए।

शाम को विशेष भजन-कीर्तन का आयोजन हुआ, जिसमें संगत ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। इसके बाद अट्टू लंगर के साथ प्रकाश पर्व के कार्यक्रम का समापन हुआ।

प्रकाशोत्सव के भव्य आयोजन में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया। गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के समर्पण और संगत की आस्था ने इस आयोजन को यादगार बना दिया।

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