वाराणसी
मुकदमों के मामले में चौबेपुर थाना अव्वल, सारनाथ दूसरे स्थान पर

वाराणसी पुलिस कमिश्नरेट के 30 थानों में इस साल एक जनवरी से अब तक सर्वाधिक मुकदमे चौबेपुर थाने में दर्ज किए गए। यहां साल के 242 दिन में 560 मुकदमे दर्ज किए गए हैं। वहीं लक्सा थाने में 44 मुकदमे तो महिला थाने में सबसे कम 21 एफआईआर दर्ज की गई है। तो वहीं कमिश्नरेट के थानों में इस वर्ष मुकदमे दर्ज करने के मामले में दूसरे स्थान पर सारनाथ थाना है। सारनाथ थाने में इस वर्ष अब तक 385 मुकदमे दर्ज किए गए हैं।
आपको बता दें कि, शिवपुर थाने में 367 और बड़ागांव थाने में 347 एफआईआर दर्ज की गई। भेलूपुर थाने में 354 और लंका थाने में 337 मुकदमे दर्ज किए गए। कैंट थाने में 321 और लालपुर पांडेयपुर थाने में 308 मुकदमे दर्ज किए गए। इसी तरह से चोलापुर थाने में 288 और सिगरा थाने में 260 मुकदमे लिखे गए। इसके अलावा शेष अन्य थानों में 250 से कम मुकदमे दर्ज हुए हैं।
शहर के बीच के थानों में मुकदमों की संख्या कम है। इस साल अब तक दशाश्वमेध थाने में 60, चौक थाने में 83, कोतवाली थाने में 90 और चेतगंज थाने में 129 मुकदमे ही दर्ज किए गए। वहीं, ग्रामीण इलाके के फूलपुर थाने में 220, रोहनिया थाने में 246, मिर्जामुराद थाने में 196, राजातालाब थाने में 170 और जंसा थाने में 169 मुकदमे दर्ज किए गए।
मुकदमे ज्यादा और कम दर्ज होने की वजह कमिश्नरेट के अफसरों के अनुसार थाने का क्षेत्रफल, जनसंख्या और आपराधिक घटनाओं के अलावा उनको लेकर सक्रियता के साथ लिखापढ़ी में की गई पुलिस की कार्रवाई मुकदमा दर्ज होने के पीछे की वजह होती है। इस वर्ष लोकसभा चुनाव की वजह से निरोधात्मक कार्रवाई भी ज्यादा हुई हैं। क्षेत्रफल के मामले में चौबेपुर थाना बड़ा है।
महिला थाने में सबसे कम मुकदमे दर्ज होने की वजह यह है कि ज्यादातर महिलाएं कोई भी समस्या या शिकायत होने पर अपने घर के नजदीक के थाने जाती हैं। इस वजह से वहां फरियादी महिलाएं कम पहुंचती हैं। वाराणसी के सीपी मोहित अग्रवाल ने कहा कि, सभी थानाध्यक्षों को स्पष्ट निर्देश है कि कोई फरियादी आए तो उसके प्रार्थना पत्र के आधार पर मुकदमा हर हाल में लिखा जाए। इसके बाद गुण-दोष और साक्ष्य के आधार पर उसका निस्तारण किया जाए।