मुम्बई
मुंबई : भिखारिन की हत्या से पुलिस ने उठाया पर्दा, आरोपी किराएदार गिरफ्तार
मुंबई के मंदिरों, मस्जिदों और दरगाहों के बाहर भीख मांगने वाली 69 साल की शांताबाई कुराडे अब इस दुनिया में नहीं हैं। लेकिन उनकी कहानी में छिपे कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। वह हर महीने 25 से 35 हजार रुपये कमाती थीं और अपनी इकलौती बेटी को कम से कम 25 हजार रुपये भेजती थीं।
बीते शुक्रवार को उनकी लाश किराए के घर में मिली, जहां उन्होंने अपने अंतिम दिन बिताए।पिछले सप्ताह शुक्रवार को शांताबाई की लाश उनके किराए के घर से संदिग्ध हालात में मिली थी। पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या और चोरी का केस दर्ज कर जांच शुरू की।
पुलिस के अनुसार, बैजू ने मकान मालिक की गैर मौजूदगी में अपने पुराने घर से सामान निकालने के लिए दाखिल हुआ। उसे लगा कि घर खाली होगा, लेकिन वहां शांताबाई सो रही थीं। जब बैजू ने पैसों वाला बैग चुराने की कोशिश की, तो शांताबाई जाग गईं और शोर मचाने लगीं। पकड़े जाने के डर से बैजू ने शांताबाई की हत्या कर दी और मौके से फरार हो गया।
डीसीपी आनंद भोईते के मार्गदर्शन में सीनियर पीआई रवि अडाने की टीम ने घटनास्थल से 50 सीसीटीवी फुटेज की बारीकी से जांच की। एक फुटेज में बिना चप्पल के एक संदिग्ध व्यक्ति दिखा, जिसकी पहचान बैजू के रूप में हुई। मुखबिर की मदद से उसे मालाड के विजय नगर इलाके से गिरफ्तार कर लिया गया।
पुलिस की सख्ती के बाद बैजू ने शांताबाई की हत्या की बात कबूल की। वह बिहार के मधुबनी जिले के झंझारपुर का रहने वाला है और मुंबई में मजदूरी करता था। किराया नहीं चुकाने के कारण मकान मालिक ने बैजू को निकालकर घर शांताबाई को किराए पर दे दिया था।