वाराणसी
बीएचयू के सुपरस्पेशियलिटी सीसीयू वार्ड में ताला लटकने से मरीज हलकान

वाराणसी। बीते दस दिनों से बीएचयू के हॉस्पिटल के सुपरस्पेशियलिटी ब्लॉक की पांचवीं मंजिल पर बने कैथ लैब में मरीज सर्जरी कराने के बाद 400 मीटर दूर अस्पताल के सीसीयू वार्ड में भर्ती होने जा रहे हैं।
वजह ये कि सुपरस्पेशियलिटी ब्लॉक में बने सीसीयू वार्ड में ताला लटक रहा है। ताला भी इसलिए लटक रहा है क्योंकि बीते 15 सितंबर को यहां तैनात नर्सिंग अफसर की मौत के बाद किसी की तैनाती ही नहीं हुई।
हृदय रोग जो कि गंभीर बीमारी की श्रेणी में आता है, बीएचयू में उन मरीजों को पिछले दस दिनों से सर्जरी कराने के बाद परेशान होना पड़ रहा है। बीएचयू हॉस्पिटल के सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक में बने कैथ लैब में हर दिन करीब दस से अधिक मरीजों की सर्जरी होती है। किसी को स्टेंट डाली जाती है, किसी को पेसमेकर लगाया जाता है। सर्जरी की प्रक्रिया के बाद मरीजों को सीसीयू वार्ड में भर्ती किया जाता है।
इसके लिए कैथ लैब के ठीक सामने 17 बेड का सीसीयू वार्ड भी बना है। बीएचयू एसएसबी में पांचवें तल पर बने 17 बेड वाले सीसीयू वार्ड में अकेले ड्यूटी कर रहे नर्सिंग अफसर खेम सिंह सैनी की 15 सितंबर की भोर में ड्यूटी के दौरान मौत हो गई थी। इसके बाद से ही यहां ताला बंद पड़ा है।
बीएचयू हॉस्पिटल प्रशासन की तरफ से यहां किसी नर्सिंग अफसर की तैनाती अब तक नहीं की गई। इस वजह से सीसीयू वार्ड को बंद कर दिया गया है।
नर्सिंग अफसर की तैनाती न होने की वजह से सीसीयू वार्ड में ताला बंद है। हृदय रोग विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रो. ओमशंकर ने 19 सितंबर को कुलपति को पत्र लिखकर इस समस्या से अवगत कराया है। प्रो. ओमशंकर ने कुलपति को पत्र के माध्यम से बताया है कि नर्सिंग स्टाफ के न होने से मरीज एसएसबी में नहीं भर्ती हो पा रहे हैं। चक्कर काटकर हॉस्पिटल में भर्ती होने के लिए जा रहे हैं।
हृदय रोग जैसी गंभीर बीमारी की सर्जरी के बाद उन्हें इस तरह से चक्कर काटना पड़ रहा है। इससे उनकी सेहत का खतरा बना हुआ है। पत्र की कॉपी उन्होंने आईएमएस बीएचयू निदेशक और हॉस्पिटल के एमएस को भी दी है।
इसके बाद भी अब तक कुछ नहीं किया गया। उधर, नर्सिंग अफसरों ने भी आईएमएस निदेशक को इस बाबत पत्र लिखा है।तो वहीं हृदय रोग के मरीजों को भर्ती करने के लिए ही सीसीयू वार्ड बनवाया गया है। यहां ताला क्यों बंद हैं और मरीजों को हॉस्पिटल तक क्यों जाना पड़ रहा है, इस मामले में विभागाध्यक्ष से बातचीत कर समस्या का समाधान कराया जाएगा