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वाराणसी

बिजली निजीकरण के विरोध में कल होगा राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन

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वाराणसी । उत्तर प्रदेश में बिजली के निजीकरण के विरोध में आज प्रदेश भर के जनपदों और परियोजनाओं की भांति वाराणसी के बिजली कर्मचारियों ने भिखारीपुर में विरोध प्रदर्शन किया और मोमबत्ती जुलूस निकाला। उत्तर प्रदेश, चंडीगढ़ और राजस्थान में बिजली के निजीकरण के निर्णय के खिलाफ 31 जनवरी को देशभर में बिजली कर्मचारी राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन करेंगे।

चंडीगढ़ का लाभ में चल रहा बिजली विभाग गोयनका ग्रुप की एमिनेंट इलेक्ट्रिक कंपनी को मात्र 871 करोड़ रुपए में सौंपने की प्रक्रिया जारी है, जबकि उसकी परिसंपत्तियों का मूल्य 22 हजार करोड़ रुपए आंका गया है। सभा को संबोधित करते हुए आर.के. वाही ने बताया कि नेशनल कोऑर्डिनेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रिसिटी इंप्लॉयज एंड इंजीनियर्स के निर्णय के अनुसार पूरे देश में निजीकरण के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश में पूर्वांचल एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगमों को घाटे के नाम पर बेचे जाने की प्रक्रिया भी चल रही है, जिससे कर्मचारियों में भारी रोष है।

मोमबत्ती जुलूस निकालकर आम जनता को जागरूक करने का प्रयास किया गया। रामकुमार झा ने कहा कि अगर बिजली का निजीकरण हुआ तो आम उपभोक्ताओं के लिए बिजली इतनी महंगी हो जाएगी कि लोगों को मोमबत्ती जलाकर जीवन बिताना पड़ेगा।

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प्रयागराज में हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना को देखते हुए संघर्ष समिति ने 2 फरवरी तक वहां कोई आंदोलन न करने का निर्णय लिया है। ओ.पी. सिंह ने प्रयागराज के बिजली कर्मियों की सराहना की, जिन्होंने मौनी अमावस्या के अवसर पर महाकुंभ में निर्बाध बिजली आपूर्ति बनाए रखी।

31 जनवरी को राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन को देखते हुए उसी दिन प्रस्तावित ‘बुद्धि शुद्धि यज्ञ’ फिलहाल स्थगित कर दिया गया है। इसकी नई तारीख की घोषणा जल्द की जाएगी। उत्तर प्रदेश में 31 जनवरी और 1 फरवरी को सभी जनपदों एवं परियोजनाओं पर विरोध प्रदर्शन होंगे और 1 फरवरी को अगले चरण के आंदोलन की रूपरेखा घोषित की जाएगी।

वाराणसी के बिजली कर्मचारियों ने विरोध सभा के बाद मौनी अमावस्या के दिन प्रयागराज में हुई दुर्घटना में दिवंगत श्रद्धालुओं को श्रद्धांजलि दी और शोक व्यक्त किया।

सभा की अध्यक्षता ए.पी. शुक्ला ने की और संचालन अंकुर पांडेय ने किया। इस दौरान आर.के. वाही, माया शंकर तिवारी, ओ.पी. सिंह, रामकुमार झा, वेद प्रकाश राय, राजेश कुमार, जमुना पाल, ई. नरेंद्र वर्मा, ई. के.के. ओझा, विजय नारायण हिटलर, उदयभान दुबे, जयप्रकाश, संदीप यादव, धर्मेंद्र यादव सहित कई प्रमुख वक्ताओं ने सभा को संबोधित किया।

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