चन्दौली
‘खुशी की उड़ान’ ने मौनी अमावस्या पर ओढ़ाया ‘कंबल का संबल’

पीडीडीयू नगर (चंदौली)। सर्दियों का मौसम जहां अमीरों के लिए एक खुशनुमा समय होता है, वहीं ठंड के इस तीव्र मौसम में गरीब और जरूरतमंदों के लिए यह अपार पीड़ा लेकर आता है। हर साल, सरकार के लाखों प्रयासों के बावजूद भी ठंड से होने वाली मौतों की खबरें दिल को झकझोर देती हैं। ऐसे में आम जनमानस की समस्याओं के प्रति संवेदनशील रहने वाली संस्था “खुशी की उड़ान” ने अपनी मुहिम “उड़ा दो जिंदगी” के तहत इस वर्ष भी जरूरतमंदों की मदद करने के लिए एक नई पहल की।
मौनी अमावस्या के दिन पं. दीनदयाल उपाध्याय नगर के रेलवे स्टेशन पर, सड़क किनारे सोने वाले भिक्षुकों, बुजुर्गों, दिव्यांगों, रिक्शा चालकों और निराश्रितों के बीच कंबल वितरण किया गया। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य उन लोगों तक गर्म कपड़े और कंबल पहुँचाना था, जो ठंड से बेहाल थे और जिनके पास अपने लिए कोई सुरक्षित स्थान नहीं था।
रेलवे स्टेशन पर सेवा दे रहे पुलिसकर्मियों ने कहा कि आज के आधुनिक युग में जब युवा समाज के संवेदनशीलता पर सवाल उठाए जा रहे हैं, तब “खुशी की उड़ान” के युवा अपनी सेवा से यह साबित करते हैं कि आज भी समाज में संवेदनशीलता और इंसानियत ज़िंदा है। इस ठंड में संस्था की महिला टीम ने अर्धरात्रि को निकलकर जरूरतमंदों को चिह्नित कर उन्हें कंबल बांटे। यह एक मार्मिक और हृदयस्पर्शी दृश्य था, क्योंकि महाकुंभ से लौट रहे यात्री, जिन्हें ट्रेन ना मिलने की वजह से खुले आसमान के नीचे रात बितानी पड़ रही थी, उनके लिए यह कंबल ठंड से राहत देने वाला साबित होगा।
संस्था प्रतिवर्ष ठंड में बच्चों, बुजुर्गों और दिव्यांगों के बीच गर्म कपड़े और कंबल वितरण करती रही है। संस्था की संस्थापिका सारिका दुबे ने कहा, “हमारा यह सेवा कार्य और ‘उड़ा दो जिंदगी’ मुहिम निरंतर जारी रहेगा। हम ईश्वर से यह प्रार्थना करते हैं कि वह हमें और अधिक सामर्थ्य दें, ताकि हम जरूरतमंदों की सेवा को और बढ़ा सकें।” इस सेवा कार्य में संस्था की मीडिया हेड सुदीक्षा दुबे, डिजिटल हेड विशाल कुमार और कृतिका दुबे भी शामिल रही, जिन्होंने मिलकर जरूरतमंदों को “कंबल का संबल” प्रदान किया।