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कोलकात्ता : आरजी कर अस्पताल में महिला डॉक्टर की संदिग्ध मौत के मामले में परिजनों ने पुलिस पर लगाए गंभीर आरोप

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कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में महिला डॉक्टर की संदिग्ध मौत के मामले में नया मोड़ आया है, जहां पीड़िता के परिजनों ने कोलकाता पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, परिवार का दावा है कि पुलिस ने उन्हें रिश्वत देने की कोशिश की और जल्दबाजी में उनकी बेटी का अंतिम संस्कार भी कराया गया।

दरअसल,पीड़िता के पिता ने आरोप लगाया कि पुलिस ने शुरुआत से ही मामले को जल्दी निपटाने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि हमें अपनी बेटी के शव को देखने तक की इजाजत नहीं थी। हमें थाने के बाहर इंतजार करना पड़ा जब शव को पोस्टमार्टम के लिए ले जाया जा रहा था। बाद में, एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने हमें पैसे देने की पेशकश की, जिसे हमने तुरंत ठुकरा दिया।’ परिजनों ने आगे बताया कि कोलकाता पुलिस के डीसी नॉर्थ ने उनके सामने रिश्वत की पेशकश की, जबकि डीसी सेंट्रल पर झूठ बोलने का आरोप लगाया।

आगे उन्होंने कहा, “हमारी बेटी की मौत से जुड़े कई सवाल अनुत्तरित हैं। सुबह 11 बजे हमें बताया गया कि उसने आत्महत्या कर ली है, लेकिन उसे देखने में हमें 3 घंटे लग गए। हमने पुलिस से शव देखने की विनती की, लेकिन उन्हें पोस्टमार्टम करने में देरी क्यों हुई?”

परिवार ने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने में देरी की और उसे “अप्राकृतिक मौत” के रूप में दर्ज किया गया। पीड़िता के चाचा ने दावा किया कि पुलिस ने उनसे सफेद कागज पर साइन करने की कोशिश की, लेकिन परिवार ने मना कर दिया और कागजों को फाड़ दिया। तो वहीं बीजेपी नेता अमित मालवीय ने भी इस मुद्दे को उठाया है और ट्वीट कर आरोप लगाया कि पुलिस ने परिवार पर अंतिम संस्कार के लिए दबाव बनाया।

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उन्होंने कहा कि परिजनों को 3 घंटे तक सेमिनार हॉल के बाहर इंतजार कराया गया और उन्हें न अंदर जाने दिया गया और न बाहर। उन्होंने आरोप लगाया कि डीसी नॉर्थ ने पीड़िता के पिता से मामले को रफा-दफा करने के लिए पैसे की पेशकश की थी।

मालवीय ने सवाल किया कि यदि यह सच है तो ममता बनर्जी की सरकार और कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट में झूठ बोला है। उन्होंने आरोप लगाया कि टीएमसी के विधायक और पार्षद श्मशान के आसपास देखे गए थे, जब पीड़िता का अंतिम संस्कार हो रहा था। मालवीय ने मांग की है कि कोलकाता पुलिस कमीश्नर और ममता बनर्जी के बीच हुई बातचीत का ब्यौरा सार्वजनिक किया जाए और इस मामले की निष्पक्ष जांच के लिए उनका पॉलीग्राफ टेस्ट कराया जाए।

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