वाराणसी
*काशी विश्वनाथ मंदिर स्वर्ण मंदिर में हुआ तब्दील स्वर्णिम आभा से दर्शनार्थी हुए अभिभूत*

वाराणसी।श्री काशी विश्वनाथ मंदिर अब स्वर्ण मंदिर में तब्दील हो गया है। बाबा विश्वनाथ के गर्भगृह की भीतरी दीवारें तो पहले ही स्वर्णमंडित की जा चुकी थीं। अब बाहरी दीवारों पर भी सोने का पत्तर लगाने का काम पूरा हो गया है। बता दें कि मंदिर के दो शिखर पहले से ही सोने के थे, अब उसके नीचे से गर्भगृह की चौखट तक के क्षेत्र को स्वर्णमंडित कर दिया गया है। यहां ये भी बता दें कि जल्द ही मंदिर प्रशासन चौखट जो अभी चांदी की है उसे निकार कर चौखटों पर भी सोने का पत्तर लगाया जाना है।
जून की शुरूआत में ही शुरू हुआ था काम
बता दें कि जून के शुरूआती दिनों में ही श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के गर्भगृह की बाहरी दीवारों को स्वर्णिम आभा से दमकाने का काम शुरू हो गया था। उस वक्त कहा गया था कि 10 दिन के भीतर गर्भगृह की बाहरी दीवारें भी स्वर्णमंडित हो जाएंगी। लेकिन तय समय से पहले ही मंदिर की बाहरी दीवारों पर शिखर से चौखट तक को भी सोने का पत्तर चढा दिया गया है। काम शुरू होने के वक्त ही मंदिर प्रशासन ने बताया था कि श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के स्वर्ण शिखर से नीचे मंदिर के द्वार तक सोने के पत्तर लगाने में 24-28 क्विंटल सोना लगेगा।
काशी विश्वनाथ मंदिर गर्भगृह की भीतरी दीवारें स्वर्णमंडितअब स्वर्णमंडित हो गया गर्भगृह
अब काशी विश्वनाथ का गर्भगृह पूरी तरह से स्वर्णमयी हो चुका है। गर्भगृह की बाहरी दीवारों पर भी सोने का पत्तर चढ जाने के बाद मंदिर की छटा देखते बन रही है। यहां आने वाला हर दर्शनार्थी जैसे ही मंदिर परिसर में प्रवेश करता है वो बाबा के मंदिर की अनुपम व अलौकिक छवि को एकटक निहारता रहता है। मानों आंखों में ही सदा के लिए बसा लेना चाहता हो।
फरवरी में गर्भगृह की भीतरी दीवारों को किया गया था स्वर्णमंडित
बता दें कि इससे पहले इसी साल फरवरी में श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के गर्भगृह की भीतरी दीवारों को स्वर्ण मंडित किया गया था। उसमें 37 किलो सोना लगा था। यहां ये भी बता दें कि ये सोना एक दक्षिण भारतीय शिवभक्त ने दान दिया था। उसके बाद कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने उस शिवभक्त की प्रार्थना को स्वीकार करते हुए गर्भगृह की भीतरी दीवारों को स्वर्णमंडित कराने की इजाज दी थी।
मंदिर की चारों चौखट भी होगी स्वरणमंडित
गर्भगृह की भीतरी और बाहरी दीवारों को स्वर्णमंडित करने के बाद गर्भगृह के चारों द्वार के चौखट पर भी सोने का पत्तर लगाया जाएगा। फिलहाल इन चौखटो पर चांदी का पत्तर चढा है। उसे हटा कर उन्हें स्वर्णमंडित किया जाएगा। इस कार्य के निमित्त सांच तैयार कर लिया गया है।
सोने के पत्तरों पर की जा रही एक्रेलिक फाइवर कोटिंग
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के गर्भगृह की भीतरी दीवारों के बाद बाहरी दीवारों को भी स्वर्णमंडित कर दिया गया है। अब एक्रेलिक फाइवर कोटिंग की जा रही है। वो काम भी दो-चार दिन में पूरा हो जाएगा। ऐसा इसलिए किया जा रहा है कि धुआं आदि से सोने के पत्तरों को कोई नुकसान न पहुंचे। उनकी आभा धूमिल न हो। सोना लगाने का काम दिल्ली की एक निजी कंपनी ने किया है। गर्भगृह को स्वर्णमंडित करने में कितना सोना लगा है ये अभी नहीं कहा जा सकता। स्वर्ण पत्तर लगाने वाली कंपनी हमें पूरे कागज देगी तभी बताया जा सकेगा कि कुल कितना सोना लगा है।