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वाराणसी

काशी विश्वनाथ मंदिर ज्ञानवापी परिसर मामले में अब मंगलवार को होगी सुनवाई फैसला आने के बाद ही होगा सर्वे

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काशी विश्वनाथ मंदिर-ज्ञानवापी परिसर मामले में अब मंगलवार को होगी सुनवाई, फैसला आने के बाद ही होगा सर्वेवाराणसी. काशी विश्वनाथ मंदिर-ज्ञानवापी परिसर विवाद प्रकरण पर सोमवार को सिविल जज (सीनियर डिवीजन) रवि कुमार दिवाकर की अदालत में गर्मागर्म बहस हुई। दोनों पक्षों ने अपना-अपना पक्ष रखा। सिवल जज ने दोनों पक्षों की बात सुनने के बाद कोर्ट को मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दिया। अब मंगलवार को फिर से इस मसले पर बहस होगी। इस बीच आज की सुनवाई को लेकर कचहरी परिसर में काफी गहमा गहमी रही।

वादी पक्ष के अधिवक्ता मदन मोहन यादव कोर्ट कमिश्नर पर तटस्थ न होने का आरोप
सुनवाई के बाद कोर्ट से बाहर मीडिया से मुखातिब वादी पक्ष के अधिवक्ता मदन मोहन यादव ने कहा कि हमारी ओर से एक प्रार्थना पत्र दिया गया है। उधर हमारे विपक्षी अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी ने कहा कि एडवोकेट कमिश्नर निष्पक्ष कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। लिहाजा उनके स्थान पर किसी अन्य को कमिश्नर नियुक्त किया जाए। कहा कि हमने अपना लिखित स्टेटमेंट अदालत को दे दिया है। दोनों ही मसलों पर कल सुनवाई के दौरान बहस होने के बाद अदालत का फैसला आएगा।

कोर्ट कमिश्नर के बदले जाने और मस्जिद में प्रवेश की इजाजत का मसला सुलझने के बाद ही सर्वे
उन्होंने कहा कि जब तक कोर्ट कमिश्नर के बदले जाने और मस्जिद में प्रवेश की इजाजत का मसले का निस्तारण नहीं होता तब तक एडवोकेट कमिश्नर अपनी रिपोर्ट नहीं पेश करेंगे। कारण कि,अभी सर्वे नहीं पूरा हुआ है।

अब मंगलवार को ही साफ होगी तस्वीर
मां शृंगार गौरी प्रकरण को लेकर केस दाखिल करने वाली महिलाओं के पैरोकार डॉ. सोहनलाल आर्य ने कहा कि अदालत में वादी, प्रतिवादी और एडवोकेट कमिश्नर ने अपना-अपना पक्ष रखा। लंबी बहस हुई है। कल फिर बहस
होगी, तब जाकर अदालत के आदेश के बाद स्पष्ट होगा कि इस मसले में आगे क्या होना है।

कोर्ट कमिश्नर ने दिया मौखिक जवाब
अदालत ने अन्जुमन इंतजामिया मसाजिद की तरफ से कमिश्नर के हटाने के आवेदन पर सोमवार को वादी पक्ष और सर्वे कमिश्नर से आपत्ति मांगी थी। सर्वे कमिश्नर अजय कुमार मिश्र ने कोर्ट में हाजिर होकर मौखिक जबाब दिया कि, वादी पक्ष की तरफ से लिखित आपत्ति अधिवक्ताओ सुधीर त्रिपाठी, सुभाष नन्दन चतुर्वेदी, शिवम गौंड, अनुपम द्विवेदी आदि ने दाखिल कर दी है।

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अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी दाखिल करेगी प्रति आपत्ति
इसके बाद अदालत में इस आपत्ति पर प्रति आपत्ति दाखिल करने के लिए अन्जुमन इंतजामिया मसाजिद के अधिवक्ताओ अभय नाथ यादव, तौफीक खान, एखलाक अहमद, मुमताज अहमद, रईस खान ने समय मांगा जिस पर अदालत ने 10 मई मंगलवार को सुनवाई की तारीख नियत कर दी।

वादी पक्ष ने कहा अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी का आवेदन खारिज करने योग्य
वादी पक्ष ने आपत्ति में कहा कि सर्वे कमिश्नर पर लगे आरोप झूठे व निराधार हैं। कमीशन बाधित करने के आशय से आपत्ति दी गई है। सर्वे कमिश्नर को बैरीकेडिंग से अंदर नही जाने दिया गया जिससे कमीशन कार्यवाही बाधित रही। ऐसा कोई तथ्य कमिश्नर के खिलाफ नही उठाया गया है। ऐसे में अन्जुमन इंतजामिया का आवेदन खारिज होने योग्य है।

वादिनी गण ने लगाया अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी पर कार्यवाही में बाधा डालने का आरोप
वादिनी गण की तरफ से आवेदन देकर कहा गया कि मस्जिद परिसर में स्पष्ट आदेश के बावजूद कमीशन रोकने के लिए मुस्लिम सदस्य पहले ही परिसर में छिपकर बैठे रहे। अन्जुमन पर बाधा डालने और प्रशासन पर कोर्ट के आदेश को लागू कराने में रुचि न लेने का आरोप लगाया गया है। वादिनी गण ने ज्ञानवापी मस्जिद समेत पूरे बैरिकेडिंग, तहखाना का ताला तोड़कर की विफियोग्राफी और फोटोग्राफी के साथ उभय पक्षकारो और उनसे जुड़े वकीलो को प्रवेश देने के लिए यूपी सरकार, डीएम और पुलिस आयुक्त को आदेशित करने की मांग की। वही एक पक्षकार राखी सिंह के पैरोकार जितेंद्र सिंह विसेन ने वादी पक्ष की तरफ से 7 बिंदुओं पर दिए गए आपत्ति का समर्थन किया।

जितेंद्र बिसेन बयानों से पलटे
इस बीच मां शृंगार गौरी प्रकरण की वादी राखी सिंह भी अन्य चार महिलाओं की तरह अब अपना केस वापस नहीं लेंगी। ये जानकारी उनके अधिवक्ता शिवम गौड़ ने दीवानी कचहरी में सोमवार दोपहर दी। वहीं जितेंद्र सिंह बिसेन ने 24 घंटे बाद अपनी चुप्पी तोड़ी और अपने बयान से पटल गए। उन्होने कहा कि मीडिया ने मेरे मैसेज का गलत अर्थ निकाल लिया।

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