वाराणसी
काशीवासियों को मिलेगी पहले स्वदेशी क्रूज की सौगात
धार्मिक एवं सांस्कृतिक नगरी काशी में पर्यटन की दृष्टि से पिछले 10 सालों में खूब विस्तार हुआ है। पर्यटकों की बढ़ती संख्या को देखते हुए काशी में गंगा की सैर करने वाले पर्यटकों के लिये एक और क्रूज की सौगात मिलने वाली है। यह क्रूज कोच्चि से नेताजी सुभाष डॉक कोलकाता के लिए रवाना हो चुका है। इसके बाद इसे कोलकाता पोर्ट से वाराणसी के लिए राष्ट्रीय जलमार्ग एक में तैनात किया जाएगा। क्रूज में एक बार के सफर में करीब 50 पर्यटक सवार हो सकते हैं।
यह देश की पहली स्वदेशी तकनीक से बनी हाइड्रोजन फ्यूल सेल पर काम करने वाली बड़ी नौका होगी। बता दें कि, इससे कार्बन उत्सर्जन नहीं होगा जिससे यह पर्यावरण के अनुकूल भी होगी। वहीं इसके निर्माण कार्य में इस बात का खासा ख्याल रखा गया था कि क्रूज से नदी में प्रदूषण न फैले। इसको लेकर भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण, बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्रालय भारत सरकार की ओर से वीडियो जारी कर बताया गया है कि देश का पहला हाइड्रोजन ईंधन सेल संचालित पोत को कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड द्वारा बनाया गया है।