वाराणसी
ईओडब्लू ने दो फरार अभियुक्तों के घर की कुर्की की अभिघोषणा

वाराणसी। संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी में वर्ष 2000-01 से 2009-10 के बीच दुर्लभ पांडुलिपियों एवं ग्रंथों के मुद्रण और प्रकाशन के लिए शासन द्वारा स्वीकृत विशेष अनुदान धनराशि में 5.68 करोड़ रुपये की वित्तीय अनियमितता के मामले में फरार चल रहे दो अभियुक्तों के खिलाफ उद्घोषणा की कार्रवाई की गई है।
आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन (ईओडब्ल्यू) वाराणसी के निरीक्षक सुनील कुमार वर्मा द्वारा की गई इस कार्रवाई में फरार अभियुक्त भानु प्रताप सिंह, निवासी विराट खंड, गोमती नगर, लखनऊ और के.के. उपाध्याय, निवासी कोटवा, थाना सरायइनायत, जनपद प्रयागराज (तत्कालीन वित्त अधिकारी, संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय) के विरुद्ध नोटिस चस्पा कर सार्वजनिक स्थलों पर मुनादी कराई गई।
वाराणसी स्थित एंटी करप्शन कोर्ट तृतीय ने अभियुक्तों को फरार घोषित करते हुए उद्घोषणा का आदेश जारी किया है। उद्घोषणा की प्रक्रिया के बाद अभियुक्तों को एक माह के भीतर न्यायालय में पेश होने का निर्देश दिया गया है। यदि वे निर्धारित समय में उपस्थित नहीं होते, तो उनके विरुद्ध विधिक कार्रवाई करते हुए चल संपत्तियों को कुर्क किया जाएगा।
अभियुक्तों पर वर्ष 2014 में थाना चेतगंज, वाराणसी में शासकीय धन के गबन और कूटरचित अभिलेख तैयार कर धोखाधड़ी करने का आरोप दर्ज किया गया था। मामले की जांच के दौरान सामने आया कि विश्वविद्यालय को दुर्लभ ग्रंथों और पांडुलिपियों के मुद्रण एवं प्रकाशन के लिए मिले सरकारी अनुदान में बड़े पैमाने पर वित्तीय अनियमितता की गई। अधिकारियों के अनुसार, यदि अभियुक्त निर्धारित समय में न्यायालय में पेश नहीं होते हैं, तो आगे की कार्रवाई में उनकी चल-अचल संपत्तियों को जब्त किया जाएगा।