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गाजीपुर

आयुष्मान कार्ड धारकों से जिला अस्पताल में वसूली, डॉक्टर ने मांगे 30 हजार

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सीएमओ से शिकायत के बाद परिजनों को धमकाने लगे डॉक्टर

गाजीपुर। जिला चिकित्सालय गाजीपुर में डॉक्टरों की वसूली और मनमानी चरम पर है। अस्पताल में भर्ती अधिकांश मरीजों को बाहर से दवाइयाँ खरीदने के लिए मजबूर किया जा रहा है। इससे भी गंभीर बात यह है कि केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना आयुष्मान भारत का लाभ पात्र मरीजों तक नहीं पहुँच पा रहा है।

ऐसा ही एक मामला सामने आया है जहाँ आयुष्मान कार्ड धारक जगवंती देवी, जिनका पैर टूट गया है, विगत आठ दिनों से जिला अस्पताल में भर्ती हैं। इलाज कर रहे ऑर्थोपेडिक सर्जन डॉ. वैभव सिंह ने परिजनों से ऑपरेशन के लिए 30,000 रुपये की मांग की। जब परिजनों ने आयुष्मान कार्ड दिखाया, तो डॉक्टर ने साफ़ शब्दों में कहा कि “आयुष्मान कार्ड से इलाज नहीं करेंगे, केवल नगद देंगे तो ही ऑपरेशन होगा।”

इस घटना की शिकायत 19 मई 2025 को मरीज के परिजनों ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुनील पांडेय से की। सीएमओ ने आश्वासन दिया कि “आयुष्मान कार्ड धारकों का इलाज निःशुल्क होगा। मैं मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को निर्देशित करता हूँ।” सूचना मिलते ही डॉ. वैभव सिंह परिजनों पर भड़क गए और धमकी देते हुए बोले—”जहाँ शिकायत करना है करो, मैं ऑपरेशन नहीं करूंगा।”

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20 मई को परिजन पुनः सीएमओ कार्यालय पहुँचे और लिखित प्रार्थना पत्र देकर पूरे घटनाक्रम से अवगत कराया। शाम करीब 3:30 बजे प्राचार्य के पी.ए. का फोन आया, जिसमें कहा गया कि “एक आवेदन प्राचार्य के नाम दें, शनिवार को ऑपरेशन हो जाएगा।”

लेकिन 21 मई की सुबह जब डॉ. वैभव सिंह मरीज के पास राउंड पर आए, तो परिजनों को देखकर पुनः नाराज़ हो गए और बोले—”बगैर 30,000 रुपये लिए ऑपरेशन नहीं करूंगा। नहीं तो तुम्हें अस्पताल से डिस्चार्ज कर दूंगा। जो करना है कर लो, डीएम, एसपी, सीएमओ किसी से भी शिकायत कर लो। बिना पैसे दिये ऑपरेशन नहीं होगा और आगे क्या होगा, वह मैं देख लूंगा। बहुत लोगों ने मेरी शिकायत की है, लेकिन मेरा कुछ नहीं बिगड़ा।”

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