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वाराणसी

आदर्श ग्राम ‘नागेपुर’ में जन समस्याओं को लेकर बुनकरों ने किया प्रदर्शन

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तंगहाल बुनकरों ने पढ़ाई, कमाई और दवाई के लिए पीएम मोदी से लगायी गुहार

मिर्जामुराद (वाराणसी)। प्रधानमंत्री आदर्श नागेपुर में गुरुवार को क्षेत्र के सैकड़ों बुनकरों और दिहाड़ी मजदूरों ने गांव में बुनियादी सुविधाओं की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन किया। आक्रोशित बुनकरों ने यात्री प्रतीक्षालय नागेपुर से रैली निकालकर नंदघर के सामने सैकड़ों बुनकरों ने सभा किया।

बुनकरों ने कहा कि नागेपुर गांव को वर्ष 2016 में प्रधानमन्त्री जी द्वारा सांसद आदर्श ग्राम के रूप में गोद लिया गया है, नागेपुर और आसपास के गांव में ज्यादातर लोग बनारसी साड़ी बुनकरी और दिहाड़ी मजदूरी का काम करते हैं। पिछले कई साल से बुनकरी का धंधा ठीक से नही चलने की वजह से बुनकर और दिहाड़ी मजदूर की आर्थिक स्थिति बहुत खराब हो गई है। ज्यादातर लोग कर्ज में डूबे हुए हैं। दिहाड़ी मजदूरों को नियमित कोई काम नही मिल रहा है जिसके कारण लोगों को अपना घर परिवार चलाने के लिए काम के लिए बाहर जाना पड़ रहा है।

गांव में स्वास्थ्य केंद्र नही होने की वजह से लोग ठीक से अपना इलाज नही कर पा रहे हैं। गांव में प्राइमरी स्कूल के बाद उच्च शिक्षण संस्थान नही होने की वजह से बच्चें आगे की पढ़ाई नही कर पा रहे हैं। इसके लिए शासन प्रशासन से गुहार लगाई गई लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हो सकी।

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तंगहाली की मार झेल रहे बुनकर प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री से मांग किया कि गांव में बुनकरों के लिए कोई सहकारी समिति बनाकर बुनकरों की सहायता की जाय, उनके सामान का क्रय विक्रय शिक्षण प्रशिक्षण की व्यवस्था किया जाये, साथ ही बुनकरों के कर्जे माफ कर उन्हे सस्ते दर पर फ्लैट रेट में बिजली उपलब्ध कराई जाये। सभी दिहाड़ी मजदूरों और बुनकरों को आयुष्मान कार्ड, पेंशन, राशन आवास की सुविधा उपलब्ध कराई जाये। दिहाड़ी मजदूर और महिलाओं को गांव में ही रोजगार की व्यवस्था किया जाये। साथ ही गांव में अविलम्ब एक प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र और इन्टर कॉलेज खोला जाये ताकि सभी लोगों को स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराया जा सके।

लोक समिति संयोजक नन्दलाल मास्टर ने कहा कि, बनारस के बुनकर अपनी गंगा-जमुनी तहजीब और बनारसी साड़ी के लिए दुनियाभर में मशहूर है। लेकिन बनारस के बुनकर आज अपनी ही विरासत को लेकर संघर्ष करता नज़र आ रहा है। तो वहीं मानवाधिकार कार्यकर्ता अनूप श्रमिक ने कहा कि, बनारस की संस्कृति, हस्तशिल्प और बुनकरों की आजीविका को बचाना बेहद जरुरी है। सरकार बुनकरों और दिहाड़ी मजदूरों के लिए तमाम कल्याणकारी योजनाएं चलाई है लेकिन इसका लाभ लोगों को नही मिल पा रहा है।

कार्यक्रम में मुख्य रूप से राजकुमार, अनील, शिवशंकर, भृगुनाथ, रमेश, लालबहादुर, बृजकुमार, विजय, दिलीप, लालमन, लल्लन, छोटू कुमार, राहुल, भारत, संतोष, विजय, रवि, गुलाब, सुलाब, पारस, गंगाराम, पुनवासी, मिथिलेश, गोलू आदि लोग मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन दिहाड़ी मजदूर यूनियन के संयोजक रामबचन, अध्यक्षता दिलीप, धन्यवाद शिवकुमार ने किया।

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