अपराध
अंतर्राज्यीय मादक पदार्थ तस्करी का भंडाफोड़, दो तस्कर गिरफ्तार
30 लाख की चरस बरामद
लखनऊ। स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ), उत्तर प्रदेश ने अंतर्राज्यीय मादक पदार्थ तस्करी गिरोह के दो शातिर तस्करों को गिरफ्तार कर 5 किलो 628 ग्राम चरस बरामद की है, जिसकी अनुमानित कीमत करीब 30 लाख रुपये आंकी गई है। इसके अलावा 2600 नगद और चार मोबाइल फोन भी पुलिस ने बरामद किया है। यह कार्रवाई मंगलवार को सुल्तानपुर जिले के कोतवाली देहात थाना क्षेत्र में की गई।
गिरफ्तार तस्करों में संतोष कुमार झा – निवासी गडबडुवाड़ी, थाना सुपौल, जिला सुपौल, बिहार और शिखा वर्मा – निवासी कंदवा, थाना चितईपुर, जिला वाराणसी शामिल है।
एसटीएफ को लंबे समय से सूचना मिल रही थी कि मादक पदार्थों की तस्करी में एक संगठित गिरोह सक्रिय है। गिरोह हिमाचल प्रदेश के मनाली, बिहार और नेपाल बॉर्डर से चरस, गांजा, और अन्य नशीले पदार्थ लाकर वाराणसी और अन्य जिलों में सप्लाई करता है।
मुखबिर से सूचना मिलने पर एसटीएफ की वाराणसी टीम ने निरीक्षक अनिल कुमार सिंह के नेतृत्व में अभियान शुरू किया। सूचना के अनुसार, गिरोह के दो सदस्य मनाली से चरस लेकर वाराणसी लौट रहे थे। टीम ने स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर लखनऊ-वाराणसी रोड पर एक बस (नं. डच्.1र्4.म्.7666) को रोककर तलाशी ली। बस से संतोष कुमार झा और शिखा वर्मा को गिरफ्तार कर लिया गया।
पूछताछ में पता चला कि गिरोह का सरगना देवेंद्र कुमार मिश्रा, निवासी वाराणसी, मादक पदार्थ तस्करी में लिप्त है। उसने संतोष और शिखा को चरस लाने का काम सौंपा था। ये लोग 21 जनवरी को मनाली गए थे और वहां से “तनु” नामक व्यक्ति से चरस लेकर लौट रहे थे। इस काम के लिए प्रति चक्कर इन्हें 50,000 का भुगतान होता था। सरगना देवेंद्र मिश्रा और गिरोह के अन्य सदस्यों की गिरफ्तारी के लिए प्रयास जारी हैं।
महिला तस्कर शिखा वर्मा खुद नशीले पदार्थों की आदी है। उसे गिरोह में इसलिए शामिल किया गया था ताकि महिला के साथ होने पर ड्रग्स की तस्करी पर शक न हो।
गिरफ्तार तस्करों के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत मुकदमा संख्या 32/2025 दर्ज कर स्थानीय पुलिस द्वारा आगे की विधिक कार्यवाही की जा रही है।